सऊदी अरब में महिलाओं पर कितनी रोक टोक है, इसके बारे में आप अच्छी तरह जानते होंगे। यहां तक कि यहां महिलाओं का ड्राइविंग करना भी मना है। वहीं दूसरी ओर रॉयल ब्रूनई एयरलाइंस ने पहली बार ऐसे विमान को उड़ाया जिसके डेक क्रू स्टाफ का हर सदस्य महिलाएं हैं। इसके साथ ही ये एक सुनहरा पल था क्योंकि विमान को महिला पायलट चालक दल ने सऊदी अरब के जेद्दा में उतारा, जहां महिलाओं को ड्राइव करने तक की भी अनुमति नहीं है। इन महिला पायलटों ने विमान को ब्रुनेई से जेद्दा तक पहुंचाया। ब्रुनेई के राष्ट्रीय दिवस को यादगार बनाने के लिए इस एयरलाइंस ने यह कदम उठाया।
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जिस दिन यह देश आजादी का जश्न मनाता है तब ब्रुनेई एयरलाइंस विमान की पहली पायलट महिला बनीं कप्तान शरीफाह सीजारेना सुरैनी के साथ वरिष्ठ प्रथम अधिकारी डी.के. नदिहा पीजी खाशिम और प्रथम वरिष्ठ अधिकारी सरीयाना नॉर्दिन ने 23 फरवरी के दिन बी1081 के विमान की मध्य पूर्वी देश की ओर उड़ान भरी। इस खास मौके पर शरीफाह ने कहा कि पायलट के पद पर आमतौर पर पुरुषों का ही बोलबाला रहता है, लेकिन एक औरत के रूप में ये काम करना बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। ये एक युवा और खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणा है कि जिसका आपने सपना देखा आप उसे पूरा कर सकते हो।
उनका कहना है कि रॉयल ब्रुनेई एयरलाइंस ने दावा किया है कि इस इंडस्ट्री में और महिलाओं का हम स्वागत करेंगे। ये एयरलाइंस पुरुष और महिलाओं दोनों को इंजीनियरिंग अपरेंटिस कार्यक्रम का ऑफर दे रही है।
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इसके बावजूद भी सऊदी अरब में महिलाओं की ड्राइविंग पर आज भी प्रतिबंध है। हालांकि ऐसा वहां कोई कानून नहीं है जो महिलाओं को ड्राइविंग करने से रोके, लेकिन ये नियम रूढ़िवादी मुस्लिम मौलवियों ने लागू किया है। हाल ही के वर्षों में महिलाओं ने सामाजिक मीडिया की मदद से इसके खिलाफ विरोध किया है। वूमन-टू-ड्राइव के नाम से फेसबुक पर एक पेज बनाया गया है जिस पर 18,000 के करीब लाइक हैं और महिलाओं से कहा गया है कि वो ड्राइविंग करती हुई तस्वीरों को इस पेज पर पोस्ट करें।
दिसंबर 2014 में लोजेन नाम की महिला को ड्राइविंग करने के कारण हिरासत में ले लिया था। साथ ही जब उनकी दोस्त उन्हें समर्थन देने पहुंचीं तो उन्हें भी जेल के पीछे डाल दिया। दोनों को 70 दिन के बाद रिहा किया गया। सऊदी अरब की महिलाओं पर आज भी ड्राइविंग करने पर प्रतिबंध है, जो कि देश के लिए शर्म की बात है। यहां तक कि बड़े-बड़े कार्यकर्ता भी इस मुद्दे के लिए पहल नहीं कर रहे हैं।