यूपी के नोएडा से 29 फरवरी को लापता हुई फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक 5 दिन बाद सकुशल गुड़गांव में मिल गई हैं। इसी के साथ ही उनके अपहरण के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। एक तरफ जहां शिप्रा मलिक के अपहरण की खबरें सुर्खियों में छाई हुई थी, वहीं अब यह नयी बात सामने आ रही है कि शिप्रा का अपहरण तो हुआ ही नहीं था। उन्होंने अपने अपहरण की ये साजिश टीवी पर दिखाए जाने वाले शो क्राइम पेट्रोल को देखकर रची थी। जब इस मामले में पुलिस ने शिप्रा से पूछताछ करने की कोशिश की तो शिप्रा ने बताया कि यह कदम संपत्ति विवाद से तंग आकर उठाया था।
हालांकि पुलिस को अभी तक उनके बयानों में काफी उलटफेर नजर आ रहा है। जिसकी वजह से पुलिस लगातार शिप्रा के बयानों की अलग-अलग तरीके से जांच करने में जुटी है। वहीं मेरठ के डीआईजी लक्ष्मी सिंह का भी कहना है कि मेडिकल जांच से लेकर शिप्रा के बयानों तक में कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिल पा रहा है कि उनका अपहरण किया गया था। उसने सिर्फ फैमिली विवाद को लेकर ऐसा कदम उठाया था। जिसको अंजाम उसने टीवी पर दिखाये जाने वाले शो को देखकर दिया। वहीं, अब यह बताया जा रहा है कि टीवी पर लगातार चल रही खबरों में जब उसने अपने परिवार और बच्चे को काफी परेशान होते हुए देखा तो वह काफी दुखी हो गई। जिसके बाद उससे रुका नहीं गया और वह पांच दिन बाद अपने घर पर लौट आई।
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वहीं, आपको बता दें कि शिप्रा ने गुड़गांव पुलिस को जो कहानी बताई थी उसके अनुसार वैन सवार 4 बदमाश उसको गुड़गांव के सुल्तानपुर गांव के पास छोड़कर भाग गये थे। जिसके बाद उसने अपनी जान बचाने के लिए कई किलोमीटर तक दौड़ लगाई और वह गांव में पहुंची। इसकी जानकारी गांव वालों ने फिर गांव के सरपंच राकेश कुमार को दी। जिसके बाद सरपंच ने शिप्रा की आपबीती को सुना और उन्होंने फर्रुखनगर थाना प्रभारी को शिप्रा के अपहरण करने के मामले की जानकारी दी। जिसके बाद गुड़गांव पुलिस ने नोएडा पुलिस के साथ-साथ शिप्रा के पति को भी इस सूचना के बारे में बताया।
वहीं, इस मामले से जुड़े एसीपी हवा सिंह का कहना है कि युवती नोएडा की रहने वाली थी। इसलिए युवती को नोएडा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। वह वीरवार की रात को करीबन एक बजे मदद मांगने के लिए एक गांव में पहुंची थी। जिसकी सूचना उस गांव के सरपंच ने पुलिस को दी थी। जिसके बाद उसे अब उसके परिवार वालों के साथ भेज दिया गया है, लेकिन वहीं मामले का दूसरा पहलू यह है कि डीआईजी लक्ष्मी सिंह को लग रहा है कि जब अपहरण हुआ ही नहीं था तो उसने गांववालों को ये झूठी कहानी क्यों सुनाई ? ऐसे में यह बड़ा सवाल बहरहाल अभी तक सवाल बना ही हुआ है कि आखिर क्यों लौटी शिप्रा ? क्यों किया पति को राजस्थान से फोन ?
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उन्होंने बताया कि जब शिप्रा से इस बारे में पूछा गया तो बस उसने इतना ही कहा कि वह राजस्थान के एक आश्रम में चली गई थी और ये बात भी सही है कि वह गुड़गांव में सरपंच के घर गई थी। वहीं उन्हीं के फोन से उसने पति को फोन भी किया था। बस वो थोड़ा फैमिली झगड़ों को लेकर भी परेशान थी। जिसकी वजह से उसने ये कदम उठा लिया।
वहीं, शिप्रा ने पुलिस को यह बताया कि ”29 फरवरी को उसने बॉटेनिकल गार्डन के पास अपनी गाड़ी खड़ी। वहां से धौलाकुआं की बस पकड़ ली और दूसरे राज्य चली गईं” साथ ही पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने लाजपत नगर से 100 नंबर पर कॉल किया था और अगवा होने की कहानी बनाई,’ लेकिन वह अपने पति और बच्चे को ज्यादा परेशान नहीं देख सकी। जिस कारण वह वापस आ गई।
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बहरहाल यह मामला चाहे कितना ही उलझा हुआ क्यों ना हो, लेकिन खुशी यही है कि नोएडा पुलिस को शिप्रा मिल गई है। वह अपने पति और बच्चे के पास पहुंच गई है। इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस 29 फरवरी से ही काफी जद्दोजहद में लगी हुई थी। जिसके लिए नोएडा के डीआईजी ने मामले की जांच कर रही पुलिस की 8 टीमों को अल्टीमेटम तक भी दे दिया था।