आखिर क्यों इन जगहों पर जाने से डरते हैं बड़े से बड़े नेता ?

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अपने देश में ऐसी बहुत सी जगहें हैं जो अपनी किसी न किसी विशेषता के लिए फेमस हैं। कोई अपनी ख़ूबसूरती के लिए तो कोई लोगों के वहम के कारण। आज हम आपको अपने देश की कुछ ऐसी जगहों से रूबरू करा रहे हैं जहां पर बड़े-बड़े नेतागण भी जाने से डरते हैं।

1- अशोक नगर-

1Image Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

अशोक नगर नाम का शहर एमपी यानि मध्य प्रदेश में बसा है। इस शहर में बड़े से बड़ा नेता कभी नहीं जाता क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जो भी यहां गया उसकी कुर्सी चली गई। एक बार यहां सुन्दर लाल पटवा आये थे तो उनकी कुर्सी चली गई थी। लालू यादव को भी यहां आने के बाद अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। शिवराज सिंह चौहान भी सीएम बनने के बाद यहां अभी तक नहीं आये हैं।

2- नोएडा-

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नोएडा को उत्तर प्रदेश की हॉट डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है, पर नेता यहां कभी नहीं आते हैं। असल में ऐसा माना जाता है कि जो भी नेता यहां पहुंचा उसकी कुर्सी चली जाती है।

3- तीर्थराज कपाल मोचन-

3Image Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

तीर्थराज कपाल मोचन एक ऐसा स्थान है जहां पर 3 अलग-अलग धर्मों के लोग आते हैं। यह तीर्थ हरियाणा के यमुनानगर के विलासपुर में स्थित है। नवम्बर महीने में यहां 5 दिन का मेला लगता है, लेकिन आज तक कोई नेता इस मेले का उद्घाटन करने नहीं आया क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जो भी नेता यहां आया उसकी कुर्सी चली गई। प्रशासनिक अधिकारी ही इस मेले का उद्घाटन करते हैं।

4- चंपारण-

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चंपारण में स्थित है भितिहरवा गांधी आश्रम जो कि काफी फेमस और सुन्दर है, लेकिन इस स्थान पर कोई नेता आना नहीं चाहता। ऐसा माना जाता है कि यहां आने पर परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती हैं कि नेताओं को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ती है। एक बार यहां नीतीश कुमार आये तो उसके बाद उनको अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी और प्रधानमंत्री रहते हुए चन्द्रशेखर यहां आये तो उनकी भी कुर्सी कुछ समय में चली गई थी।

5- सांची का स्तूप –

5Image Source: https://upload.wikimedia.org/

यह भी एक ऐसी जगह है जहां पर कोई नेता जाना नहीं पसंद करता है। शिवराज सिंह चौहान भी सांची शहर तक ही जाते हैं, न कि सांची स्तूप तक। एक बार यहां श्रीलंका के राष्ट्रपति आये तो उन्होंने ने भी बोधि वृक्ष एक पहाड़ी पर ही रोप कर औपचारिकता पूरी कर दी थी।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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