पिछले दिनों दिल्ली के जेएनयू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाने की घटना सामने आई थी। इसी विवाद को लेकर अब सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में देश का तिरंगा झंडा फहराना अनिवार्य कर दिया गया हैं।
इस विषय को लेकर दिल्ली में कुलपतियों की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें इस विषय को पूर्ण रूप देकर अंतिम मुहर लगा दी गई। साथ ही यह भी कहा गया कि अब इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहला राष्ट्र ध्वज जेएनयू में ही फहराया जाएगा। जेएनयू में हुए देश विरोधी मामले में अब तक पूरे देश का राजनीति माहौल गर्म कर दिया है। अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में देश के विरोध में कोई घटना सामने न आए इसलिए सभी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की चर्चा चल रही थी।
इस मामले में दिल्ली में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में बिहार विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने प्रस्ताव रखा कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में राष्ट्रध्वज फहराया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव को बैठक में मंजूर कर लिया गया। जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी आदेश जारी किया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 125 किलोग्राम का तिरंगा 207 फुट ऊंचे पोल पर लगाया जाना चाहिए। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि ऐसा सबसे पहला राष्ट्रीय ध्वज ज्वाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ही फहराया जाना चाहिए। इसके अलावा भी इस बैठक में कई अन्य विषयों पर चर्चा की गई। इसमें छात्रों की बेहतर शिक्षा पर भी विचार किया गया। इस तरह की घटनाओं को तुरंत हल करने के लिए हर विश्वविद्यालय में एंटी डीसक्रीमीनेशन ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा।
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इसके अलावा दूर दराज के छात्रों के लिए ऑनलाइन एडमीशन प्रणाली भी शुरू की जाएगी। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के अलावा राज्य की प्रचलित भाषा में भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा।