राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हो रही फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती का पूरा मामला तब चर्चा में आ गया जब लड़कियों का फिजिकल मेजरमेंट किसी महिला नहीं बल्कि पुरुषों द्वारा किया जाने लगा। इसे लेकर बवाल बढ़ने के बाद डॉक्टरों और वनकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है।
फॉरेस्ट गार्ड (वनपाल) की भर्ती के लिये 250 प्रतिभागी अपना टेस्ट देने के लिये आये हुए थे। इनका फिजिकल टेस्ट चित्तौड़गढ़ के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हो रहा था। इनमें से 15 लड़कियों ने भी इस पोस्ट के लिये आवेदन किया था। लड़कों के फिजिकल मेजरमेंट लेने के लिए दो पुरुष डॉक्टर और लड़कियों के लिए एक महिला डॉक्टर की ड्यूटी लगायी गई थी, पर वहां कुछ ऐसा होने लगा जिसे देख सब आश्चर्य में पड़ गये। लड़कियां भी शर्म के कारण किसी से कुछ नहीं कह पा रही थीं, क्योंकि लड़कियों का मेजरमेंट एक पुरुष वनकर्मी से कराया जा रहा था। फिर क्या था मेल स्टाफ ने महिला कैंडिडेट के शरीर का पूरा मापतौल लेना शुरू कर दिया। मेजरमेंट के दौरान वह हर महिला से बार-बार ‘सीना फुलाओ, शाबाश’ जैसी बातें कह रहे थे।
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जब इस बात की भनक लोगों को मिली तो वे भड़क गये और इस बारे में पुरुष डॉक्टरों से पूछा जाने लगा कि वो महिलाओं का फिजिकल मेजरमेंट क्यों कर रहे हैं। जिस पर यह जवाब दिया गया कि महिला डॉक्टर को चाय पीने बाहर जाना था। इस पर महिलाओं के साथ आये उनके परिजनों ने काफी नाराजगी जताई। जब इस मामले का वीडियो बन कर सामने आया तब महिला एवं बाल विकास मंत्री अनीता भदेल ने इस मामले की जांच पड़ताल करने के आदेश दे कर सभी डॉक्टरों और वनकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है।