पहली पुलिस अधिकारी बनीं किन्नर पृथिका यशिनी

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कानूनी लड़ाई की लंबी जंग जीतकर आखिर एक किन्नर ने जीत हासिल कर ही ली और बन गई एक पुलिस अधिकारी। इसी के साथ उसने पूरा किया अपने बचपन का सपना और देश के सामने पेश की एक मिसाल। उन्होंने पुरानी रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ कर यह साबित कर दिया कि शारीरिक कमजोरी किसी के सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती है। अगर हमारे अंदर लगन और जतन हो तो सभी मुश्किलें आसान हो जाती हैं।

हमारे समाज में किन्नरों के स्थान को आप लोग भलि भांति जानते होंगे। वहीं हमारे देश के नियमानुसार किसी भी अवेदन पत्र को भरते समय दो ही लिंगों को भरने का स्थान दिया जाता है। तीसरे लिंग को कोई भी स्थान नहीं दिया जाता है। इसके साथ ही लिखित या शारीरिक परीक्षाओं में भी इन्हें दूर ही रखा जाता है। इसी के चलते किन्नर पृथिका यशिनी को अपनी योगयता दिखाने के लिये पांच साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। आखिरकार 24 वर्षीय किन्नर पृथिका यशिनी को तमिलनाडु सरकार की ओर से पुलिस अधिकारी के पद पर नियुक्ति का आदेश आज मिल ही गया।

1Image Source: http://hindi.oneindia.com/

किन्नर पृथिका देश के सामने एक मिशाल पेश कर पहली किन्नर पुलिस अधिकारी बनेंगी। उन्हें चेन्नई पुलिस आयुक्त स्मिथ सरन की ओर से नियुक्ति के आदेश भी मिल चुके हैं। 26 फरवरी को वह अपने प्रशिक्षण के लिये जाने वाली हैं। पृथिका अपने अधूरे सपने को पूरा कर काफी खुश हैं और देश की सेवा बड़ी ही लगन व भक्ति भाव से करना चाहती हैं। किन्नर पृथिका अब इस वर्दी को पहन कर किन्नर समाज के लिये एक नयी शुरूआत करने के लिये आगे बढ़ चुकी हैं, जो इस श्रेणी के लोगों के साथ-साथ देश के लिये भी एक मिसाल है।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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