हर धर्म एक शिक्षा प्रदान करता है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई और सिख सभी धर्मों में आपसी सौहार्द और भाईचारे के अलावा जिंदगी को सही तरीकों से जीने के सही मायनों के बारे में ही शिक्षा दी जाती है। धर्म का मूल रूप कभी भी किसी को अच्छा या बुरा नहीं बताता। वो तो बस सर्वधर्म समभाव की भावना ही सिखाता है। इसी भावना के प्रचार के लिए भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान ने पिछले वर्ष रामायण पर एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया है। प्रतियोगिता में मुस्लिम छात्रा ने हिंदू छात्रों को पीछे छोड़ते हुए जिले में टॉप किया है।
केरल और कर्नाटक के सीमा पर स्थित सुल्लियापडावु जिले में भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान संस्थान द्वारा एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में रामायण पर आधारित परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में सर्वोदय हाई स्कूल की नौवीं की छात्रा फातिमा राहिला ने 93 प्रतिशत अंक प्राप्त करके जिले में टॉप कर लिया है।
फातिमा के पिता इब्राहिम ने बताया कि फातिमा के चाचा ने उनकी इस प्रतियोगिता के लिए मदद की। छात्रा के माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी ऐसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर पूरे प्रदेश में टॉप करे। वहीं, फातिमा ने प्रतियोगिता के बारे में बताया कि वह हिंदू धर्म के बड़े ग्रंथों को पढ़ना चाहती है। वह महाभारत और रामायण दोनों ही ग्रंथों को पढ़ना चाहती है। वह इस प्रतियोगिता की ही तरह प्रादेशिक स्तर की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेना चाहती है। फतिमा राहिला के जिले में टॉप करने की सूचना से स्कूल प्रशासन काफी खुश है।
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इससे पहले भी वर्ष 2015 में मुंबई के मीरा रोड पर एक मुस्लिम वर्ग की ही छात्रा ने भगवत् गीता पर आधारित प्रतियोगिता में जीत कर सभी को हैरान कर दिया गया था।