पढ़ें हौंसले से भरी इस डॉक्टर की कहानी

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दुनिया में ऐसे कुछ ही लोग हैं जो किसी भी मुश्किल में अपना हौंसला नहीं छोड़ते। चीन के चांगक्वींग इलाके की रहने वाली जुहोंग में ऐसा ही जबरदस्त हौंसला देखने को मिलता है। जुहोंग जब सिर्फ 4 साल की थी तब एक रोड एक्सीडेंट में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए, लेकिन उन्होंने इस हादसे से हार ना मानते हुए लगातार परिश्रम किया और आज वह एक डॉक्टर हैं। उनकी ज़िन्दगी का अब एक ही मकसद है, जरूरतमंदों की सेवा करना। इस काम को वह पूरी निष्ठा के साथ करती हैं।

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बचपन में ही अपने पैर गंवाने के बावजूद उन्होंने ज़िन्दगी से हार नहीं मानी। 1983 में एक दिन जब वह स्कूल जा रही थीं इस दौरान एक ट्रक ने पीछे से आकर उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में उनके पैर बुरी तरह जख्मी हो गए जिसके बाद डॉक्टर्स को जुहोंग के पैरों का ऑपरेशन करना पड़ा, लेकिन उन्हें घुटने के ऊपर से उनके दोनों पैरों को काटना पड़ा। पैर ना होने पर भी जुहोंग ने हार नहीं मानी और दो स्टूल्स की मदद से चलने की कोशिश की। शुरू में उन्हें ऐसा करने पर काफी तकलीफ हुई, लेकिन बाद में अभ्यास करते रहने की वजह से आठ साल की उम्र में वे स्टूल्स के सहारे चलने लगीं। स्टूल्स के सहारे ही उन्होंने स्कूल जाना शुरू किया।

इसके बाद उन्होंने साल 2000 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए स्पेशल वोकेशनल स्कूल में एडमिशन लेकर डिग्री प्राप्त की। डॉक्टर बनने के बाद उन्होंने अपना सारा समय दूसरों की मदद में लगा दिया। वह वालडियन नाम के गांव में अपना एक क्लीनिक चलाती हैं। जब कभी उन्हें इमर्जेन्सी होने पर गांव वालों के द्वारा बुलाया जाता है तब वह पहाड़ी, ऊंचें और नीचे रास्तों से स्टूल के सहारे चलकर ग्रामीणों के घर तक भी जाती हैं।

दुनिया-में-ऐसे-कुछ-ही-लोग-हैं-जो-किसी-भी-मुश्किलImage Source :http://img.punjabkesari.in/

इस काम में उनके पति उनकी मदद करते हैं। जुहोंग के पति का नाम शिंजियान है। दोनों ने लव मैरिज की है। शिंजियान, जूहोंग को पीठ पर बैठा कर क्लीनिक तक छोड़ने जाते हैं।

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