हर कोई अपने जीवन में सफलता पाना चाहता है, लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो अपने जीवन में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ पाते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में किसी मुश्किल का सामना कर रहे हैं तो आपको फेसबुक के पेज ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे से काफी प्रेरणा मिलेगी। इस पेज पर मशहूर अभिनेत्री और भरतनाट्यम डांसर सुधा चंद्रन ने अपनी जिंदगी की एक बहुत प्रेरणादायक कहानी शेयर की है। उन्होंने इसमे बताया है कि कैसे एक हादसे में उन्होंने अपने पैर गंवा दिए। इस पेज में उन्होंने बताया है कि कैसे इस हादसे के बाद उन्होंने एक बार फिर स्टेज पर नृत्य और नाटक करना शुरू किया।
फेसबुक पर किए अपने पोस्ट में 51 वर्षीय सुधा चंद्रन ने अपनी संघर्ष की कहानी को बयां किया है। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इतना सब होने के बाद भी अपने जुनून को बरकरार रखा। सुधा ने अपने जीवन को लेकर जो सपने बुने थे वह इस हादसे से बिखर ना जाएं, इसके लिए उन्होंने काफी परिश्रम किया।
अपने जीवन में हुई इस अनहोनी के बाद उन्होंने कैसे अपने सपनों को पूरा किया इसके बारे में सुधा लिखती हैं कि जब लोगों को पता चला कि मैं नहीं चल सकती तब कई लोग मुझसे आकर कहते थे कि कितनी दुख वाली बात है। अब तुम अपना सपना पूरा नहीं कर पाओगी, लेकिन सुधा ने लोगों की इस तरह की बातों से हार नहीं मानी। उन्होंने कृत्रिम पैर जयपुर फुट की मदद से दोबारा चलना और डांस सीखना शुरू किया।
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सुधा लिखती हैं कि जब वह साढ़े तीन साल की थीं तब उन्होंने डांस सीखना शुरू किया था। वह स्कूल ख़त्म होने के बाद डांस सीखने जाया करती थीं और रात को साढ़े नौ बजे वापस लौटा करती थीं। बस यही उनकी लाइफ थी, लेकिन एक बार वह अपने परिवार के साथ बस में सफर कर रही थीं। तभी त्रिची नाम की जगह पर अचानक उनकी बस का एक्सीडेंट हो गया और उन्हें अपने पैर गंवाने पड़े, लेकिन उन्होंने अपनी ज़िन्दगी से हार नहीं मानी और दोबारा डांस सीखना शुरू किया। इसके बाद जब उन्होंने पहली बार कृत्रिम पैरों की मदद से स्टेज पर परफॉर्म किया तो सभी से उन्हें काफी प्रेरणादायक प्रतिक्रिया मिली।
इसके बाद उन्होंने नाचे मयूरी नाम की एक फिल्म में काम भी किया। यह फिल्म उन्हीं की ज़िन्दगी पर बनी थी। इस फिल्म में काम करने के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया। इसके अलावा उन्होंने कई और फिल्मों व सीरियल्स में भी काम किया है।