इस प्रकार के मामले हमारे देश में पहले भी देखने को मिले हैं जिनमें मुस्लिम और हिन्दू लोगों ने साथ-साथ किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए एक दूसरे को अपना पूरा सहयोग दिया। भले ही वह कार्य किसी भी संप्रदाय का क्यों न हो। ऐसे लोग असल में समाज को एक नई रोशनी दिखाते हैं, जिसमें एक शांत और संपन्न देश का रेखाचित्र सहज ही देखा जा सकता है। देश की आजादी से लेकर आज तक ऐसे बहुत से काम हुए हैं जिनमें हिन्दू और मुस्लिम लोगों ने एक दूसरे का साथ देकर समाज को भाईचारे का नया सन्देश दिया है। राम मंदिर का मुद्दा अपने देश में एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसमें दोनों सम्प्रदायों के मतभेद के कारण वर्षों से कोई परिणाम नहीं निकल पा रहा है। हालांकि कई राजनीतिक पार्टियां भी इसकी जिम्मेदार रही हैं, पर आज के समय में दोनों ओर के लोग इस मुद्दे का शांति से हल चाहते हैं और इसकी शुरूआत मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के मुस्लिम लोगों ने कर दी है।
यहां के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए न सिर्फ अपनी जमीनें दी हैं, बल्कि तन-मन-धन से सहयोग कर समाज के सामने एक नई मिसाल पेश की है।
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कहां है यह गांव –
यह गांव मध्य प्रदेश के मुरैना से 60 किलोमीटर दूर है। इसका नाम “खेड़ाकला” है। इस गांव के लोगों ने राम मंदिर के लिए सहयोग कर धार्मिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। असल में यहां पर मंदिर निर्माण के लिए जमीन कम पड़ रही थी। जैसे ही यह बात यहां के मुस्लिम लोगों को पता चली तो उन्होंने अपनी जमीनें मंदिर निर्माण के लिए दे दी। गांव के मुस्लिम लोगों ने जमीन के अलावा 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी की। इस गांव में करीब 80 परिवार मुस्लिम समुदाय से हैं। इन सब लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए श्रमदान भी किया।