अपने देश के कुछ हिस्सों में ऐसी परम्परायें भी मानी जाती हैं जो काफ़ी हद तक अजीबोगरीब हैं। कहीं इन परम्पराओं के नाम पर किसी महिला की शादी मेंढक या कुत्ते से करा दी जाती है, तो कहीं पर अपनी मन्नत पूरी करने के लिए लोग कई प्रकार के विचित्र कार्य करते हैं। आज हम आपको भारत की ऐसी ही 5 परम्पराओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिन पर शायद आपका विश्वास करना कठिन ही होगा।
1- शादी के लिए होती है लाठियों से पिटाई-
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इस परंपरा का पालन राजस्थान राज्य के जोधपुर में होता है। इसमें कुंवारे लड़कों की पिटाई लाठी और डंडों से सुहागन औरतें करती हैं। इस परंपरा में महिलायें सज-धज कर घर से लाठी लेकर निकलती हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से कुंवारे लड़कों की शादी 1 साल के भीतर ही हो जाती है।
2- गले तक दफना दिए जाते हैं बच्चे-
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यह परंपरा गुलबर्ग के मोमिनपुर में मानी जाती है। इस परंपरा में बच्चे को गर्दन तक मिट्टी में दफ़न कर दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मिट्टी बहुत ही पवित्र होती है और ऐसा करने से बच्चे की मानसिक और शारीरिक तकलीफें दूर हो जाती हैं। इस परंपरा में बच्चे को 6 घंटे तक मिट्टी में दफ़न कर किया जाता है।
3- पति की लंबी आयु के लिए महिलायें बनती हैं विधवा –
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उत्तर प्रदेश के देवरिया, गोरखपुर व इसके पास के बिहार के इलाकों में गछवाह समुदाय की औरतें पति जीवित होने के वावजूद भी विधवा का जीवन जीती हैं। इस परंपरा को ये औरतें सालभर में 4 माह तक निभाती हैं। असल में इस समुदाय के लोग ताड़ी के पेशे से जुड़े होते हैं और 50 फ़ीट से भी ऊंचे पेड़ों पर चढ़कर ताड़ी को निकालते हैं। इसी कारण से यहां की महिलायें 4 महीने तक विधवा का जीवन जीते हुए पति की लंबी उम्र की दुआ करती हैं।
4- यह पहाड़ बताता है बेटा होगा या बेटी-
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यह एक बहुत ही अनोखी परंपरा है जो कि पिछले 400 सालों से झारखंड के बेड़ो प्रखंड में खुखरा नामक गांव में चल रही है। असल में गांव में एक पहाड़ है जिस पर एक पत्थर की बड़ी चट्टान भी है। इस चट्टान पर चांद की आकृति का एक निशान भी बना हुआ है। इस पहाड़ के पत्थर पर बने चांद के निशान पर गर्भवती महिला आकर पत्थर मारती है। यदि पत्थर चांद के अंदर लगता है तो माना जाता है कि लड़का होगा और यदि बाहर लगता है तो लड़की। गांव वालों का इस परंपरा पर पूरा विश्वास है। उनके अनुसार यह अनुमान हमेशा सही होता है।
5- मंदिर में स्वास्थ्य के लिए चढ़ाई जाती है लौकी-
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रतनपुर (छत्तीसगढ़) स्थित शाटन देवी के मंदिर को बच्चों का मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए लौकी को चढ़ाया जाता है।