सौ साल उम्र हो जाने पर इंसान बिस्तर पकड़ लेता है या फिर अस्पताल में अपनी मौत का इतंजार करने लग जाता है। क्योकि इस पड़ाव में आने के बाद वो पूरी तरह से अपने आप को असाह समझने लगता है। पर यदि दिल में जोश हो तो यह उम्र के लोग भी बहुत कुछ कर जाते है जिसका जीता जागता उदा। बना भारत की एक महिला का। आज हम जो बताने जा रहे उनके कारनामे सुनकर आप भी हो जाएंगे दंग।
भारत की एक महिला ने अमरीकन मास्टर्स गेम्स में महिलाओं की सौ मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास रचा है। सौ मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतने वाली इस भारतीय महिला का नाम है मान कौर जो पूरे सौ साल की है।
100 मी. की रेस प्रतियोगिता में वो एक ऐसी अकेली धाविका थी जिनकी उम्र 100 साल की थी। इस प्रतियोगिता के उनके उम्र वर्ग में किसी और महिला ने हिस्सा ही नहीं लिया। लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये थी कि इस पड़ाव में आने के बाद भी उन्होंने फिनिश लाइन तक की दौड़ पूरी कर दिखाई। और 100 मीटर दौड़ को 1 मिनट 21 सेकेंड में पूरा किया।
अमरीकन में खेली जाले वाली मास्टर्स गेम्स प्रतियोगिता अपने आप में एक अनूठा खेल आयोजन है जिसमें 30 की उम्र से लेकर हर उम्र का खिलाड़ी हिस्सा ले सकता हैं। यह प्रतियोगिता का आयोजन हर चार साल में एक बार किया जाता है। यह प्रतियोगिता दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर ओलंपिक की तरह हर चार साल में एक बार आयोजित होती है।
यहां हम बता दें। मान कौर जिस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर रेस जीत रही थी। उसी रेस में उनका 78 वर्षीय बेटा गुरदेव सिंह भी दौड़ रहा था जिन्हें वो हरा चुकी थी। जीत का लाइन पार करने के बाद उन्होंने अपने हाथ हवा में खड़े करके सभी से अपनी खुशी जताई। उनके इस हौसले को देख 70 व 80 की उम्र से ज्यादा वाले बाकी खिलाड़ी भी उन्हें जमकर प्रोत्साहित कर रहे थे। और सभी उनकी एनर्जी और लड़ने की इच्छाशक्ति से प्रेरित हो रहे थे।