वैसे तो अपने देश में देवी दुर्गा के भिन्न-भिन्न स्वरूपों के बहुत से मंदिर हैं, पर इनमें से कुछ मंदिर अपनी खास विशेषताओं के कारण ही प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में यहां बता रहें हैं। आज हम आपको बता रहें हैं “खिड़की माताजी मंदिर” के बारे में। यह मंदिर भारत के मध्य प्रदेश के मंदसौर-प्रतापगढ़ वायपास से मात्र आधा किमी दूर महू-नीमच रोड पर स्थित है।
इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त देवी मां के दर्शन करने के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना को पूरी होते ही यहां भंडारा आदि कराते हैं। इस मंदिर के मुख्य पुजारी दुर्गा शंकर परमार बताते हैं कि इस मंदिर की दिव्य प्रतिमा शिवना नदी के तट पर एक बरगद के वृक्ष के नीचे स्वयं ही प्रकट हुई थी। इस मंदिर में लोगों की मन्नत प्राचीन काल से पूरी होती आई हैं और आज भी लोग यहां बड़ी संख्या में आते हैं।
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निसंतान को मिलती है संतान और बेघर को घर –
इस मंदिर में मन्नत पूरी होने की मान्यता प्राचीन काल से रही है इसलिए ही आज भी यहां लोग बड़ी संख्या में देवी मां के दर्शन कर मन्नत मांगने आते रहते हैं। जिन लोगों के अपने घर नहीं होते हैं या किसी कारणवश घर बनाने में नाकाम हो जाते हैं। ऐसे लोग खिड़की माताजी मंदिर में आकर देवी मां की पूजा-अर्चना कर मंदिर के प्रांगण में मिट्टी के घरौंदे बनाते हैं।
मान्यता है कि यह कार्य करने से भक्तों का घर का सपना साकार हो जाता है। वहीं दूसरी ओर जिन लोगों के बच्चे किसी कारण से नहीं हो पाते हैं या जो निसंतान होते हैं वो भी इस मंदिर में संतान की इच्छा लेकर आते हैं और अपनी मन्नत पूरी होने पर खिड़की माताजी मंदिर के प्रांगण में भंडारा आदि कराते हैं।