आज हम भले ही 21वीं सदी में जी रहे हो, भले ही हम महिला सशक्तिकरण की कितनी भी बड़ी-बड़ी बाते कर लें, लेकिन भारत में आज भी महिलाओं के साथ परंपरा या रिवाज के नाम पर काफी दबाया जाता है। जी हां, आज भी महिलाओं को ऐसी रस्मे करने के लिए कहा जाता है, जो कि वह करने के लिए दिल से बिल्कुल तैयार नहीं होती है।
भारत के राजस्थान के भीलवाड़ा गांव में यहीं हाल है। यहां की बंकाया माता के मंदिर में भूत के साये को महिलाओं के शरीर से मुक्ति दिलाने के लिए ऐसे-ऐसे काम करने के लिए कहे जाते हैं, कि जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि भूत या प्रेत आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए महिलाओं को जूते सिर पर रखकर चलना होगा। इतना ही नहीं, महिलाओं को गंदे जूतों में पानी पीने के लिए भी कहा जाता है। ऐसा यहां आज से नहीं बल्कि कई दशकों से चलता आ रहा है, लेकिन कोई भी इसे रोकने की कोशिश नहीं करता है।
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इस जगह भूतों से छुटकारा दिलाने के नाम पर क्रूरता के अलावा कुछ भी नहीं होता है। औरते अपने सिर पर जूते रखकर कई किलोमीटर तक चलती हैं। कुछ आगे जाकर एक हौज होता है, जिस में पानी भरा रहता है, आस्था का हवाला देकर, महिलाओं को मजबूरन वहां का पानी जूते में भरकर पीना पड़ता है। इतना ही नहीं महिलाओं के बालों को खींचकर दो सौ सीढ़ियों में चढ़ाया जाता है। पास में खड़े सारे पुरुष इस तमाशे को खड़े होकर देखते रहते हैं।