आज हमारे घरों में लोगों की संख्या सीमित होती जा रही है। लोग संयुक्त परिवार से निकल कर एकल परिवार में ही खुशियां ढूंढ़ने लगे हैं। ऐसे में देश सहित दुनिया भर के लोगों के लिए मिसाल बनकर उभरा है राजस्थान का एक समुदाय। इस समुदाय के लोग अपने परिवार के साथ ही जानवरों को भी अपने घर का हिस्सा बनाते हैं। इतना ही नहीं इस समुदाय की महिलाएं ममता की गजब मिसाल पेश कर हिरण के बच्चों को अपने बच्चों की तरह ही अपना दूध पिलाती हैं।
Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/
राजस्थान का बिश्नोई समाज पूरी दुनिया के लोगों को प्रेरणा प्रदान कर रहा है। इस समाज के लोगों के लिए कहा जाता है कि यह समाज करीब 500 सालों से जानवरों के बच्चों को अपने घर लाकर अपने बच्चों की तरह ही पालता है। इस समाज के लोग अनाथ हो चुके हिरण के बच्चों को अपने घर पर लाते हैं। जिसके बाद यहां की महिलाएं अपने बच्चों की तरह ही इन जानवरों के बच्चों को अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं। इस समुदाय में करीब दो हजार घर हैं। सभी घरों में आज तक पेड़ों और जानवरों को सुरक्षित माहौल प्रदान किया जा रहा है।
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इस समाज में रहने वाले लोग कुछ नियमों का पालन करते हैं। इन नियमों के तहत ही यहां के लोग जानवरों की रक्षा करते हैं। साथ ही इन लोगों में हिरण को एक पवित्र जानवर माना जाता है। इस कारण भी यहां की महिलाएं अपने बच्चों की तरह ही इन्हें भी दुलार करती हैं। इस समुदाय का डंका विदेशों में भी बजने लगा है। जानवरों के प्रति इनके लगाव से विदेशी लोगों के बीच इस समुदाय के लोग कौतुहल का विषय बने हुए हैं। समुदाय की एक लड़की रोशनी के मुताबिक वह हिरणों के बीच में ही पली और बढ़ी है। उसने देखा है कि उसके साथ माता-पिता जैसा बर्ताव उसके साथ करते थे, ठीक वैसे ही हिरण के बच्चे को भी अपना बच्चा मानते थे। साथ ही घर के सभी बच्चे भी हिरण को अपने अन्य भाई बहनों की तरह मानकर उनके साथ खेलते हैं।