ताजमहल के बारे में भला कौन नहीं जनता होगा। एक मुग़ल बादशाह के प्यार की निशानी के रूप में प्रसिद्ध इस अद्भुत कलाकृति से जुड़ा एक आश्चर्चकित करने वाला एक और तथ्य है जो शायद आप न जानते हो। दरअसल साल भर में एक रात ऐसी भी आती है जब ताजमहल पर आसमान से नूर बरसता है और आज वही खास रात है।
इस दिन क्या रहता है खास:-
ताजमहल सफ़ेद संगमरमर में तराशी गई प्रेम की वह ईमारत है जिसको देखने के लिए देश विदेश के सैलानी हमारे देश में आते हैं। खासकर आज के दिन का इंतज़ार अधिकतर सैनानियों को रहता है। आपको बता दें कि ताजमहल सामान्यतः दिन में ही खुलता है पर वर्षभर में एक बार आने वाली इस स्पेशल रात को इसे को देखने के लिए रात को भी खोला जाता है। यह रात “शरद पूर्णिमा” की रात कहलाती है।
क्यों होती है यह रात इतनी अद्भुत:-
इस रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और इसकी रौशनी भी सामान्य से ज्यादा अधिक तेज होती है। शरद पूर्णिमा के चांद की रौशनी जब सफ़ेद संगमरमर की बनी इस ईमारत पर पड़ती है तो इसकी ख़ूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है। शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रौशनी में ताज कुछ ऐसा दिखाई पड़ता है जैसे इस पर चांद से नूर बरस रहा हो। क्या आप जानते है कि इस रात में ताज को देखने आने वाले सैलानियों में अपनी टिकट के लिए कुछ ज्यादा ही उत्सुकता रहती है। यही कारण है कि इस वर्ष शरद पूर्णिमा की रात को राज दर्शन की सभी टिकट बीते दिन बुद्धवार को ही बिक गई।
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रात्रि 8:30 से 12:30 तक देख सकेंगे ताज –
आपको बता दें कि आज 5-10-17 बृहस्पतिवार को शरद पूर्णिमा की रात है और आज रात दर्शक सिर्फ रात 8:30 से 12:30 के बीच ही ताज की ख़ूबसूरती को निहार पाएंगे। इसके साथ आपको यह जानकारी भी दे दें कि प्रतिवर्ष इस रात ताज के दीदार के लिए सिर्फ 400 लोगों को ही अनुमति दी जाती है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाती वह लोग ताज के दीदार के लिए आगरा के “ताजगंज” इलाके के होटलों में अपनी बुकिंग करते है ताकि वह होटल की छत से ताज को देख सकें। ऐसा माना जाता है की आज रात चांद पृथ्वी के सबसे करीब होता है इसलिए उसकी रौशनी सामान्य दिनों से अधिक होती है।