तीन साल पहले 16 दिसंबर 2012 की वो रात जिसमें चलती बस में 5 दरिंदों ने एक मेडिकल स्टूडेंट के साथ दरिंदगी की सारी इंतेहा पार कर दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने निर्भया के 5 गुनहगारों को दोषी ठहराया था। 4 दोषियों को तो सजा-ए-मौत मिली, लेकिन पांचवां दोषी जो नाबालिग करार दे दिया गया था उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सिर्फ 3 साल की अधिकतम सजा मिली थी। आज उसी नाबालिग दोषी की रिहाई पर हाईकोर्ट में बड़ा फैसला होने वाला है। हाईकोर्ट आज उसकी रिहाई पर अपना फैसला सुना सकता है। ऐसे में सबसे ज्यादा सोचने वाली बात यह है कि अगर हाईकोर्ट का फैसला आरोपी के पक्ष में आया तो क्या इस देश की बेटी निर्भया से दरिंदगी करने वाला आज़ाद हो जाएगा? क्या आज हाईकोर्ट में निर्भया को इंसाफ मिलेगा ? वैसे हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही ये तय होगा कि निर्भया का दरिंदा अब आजाद होगा या अभी जेल में ही रहेगा।
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वैसे इससे पहले केंद्र सरकार भी नाबालिग दोषी की रिहाई पर अपना विरोध जता चुकी है। केन्द्र सरकार का कहना है कि आरोपी पहले खुद सुधरने का भरोसा दिलाए। दरअसल, इस घटना के बाद नाबालिग दोषी को 3 साल तक सुधार गृह में रखने के आदेश दिए गए थे। अब वह 20 साल का हो चुका है इसलिए रिहा हो रहा है। 20 दिसंबर को उसे रिहा होना है। इस बीच आईबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उसे हाईकोर्ट ब्लास्ट के एक दोषी ने जिहाद के लिए तैयार कर दिया है। केंद्र ने नाबालिग दोषी को बाल सुधार गृह में रखे जाने की अवधि बढ़ाए जाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की थी। केंद्र ने कहा था कि नाबालिग दोषी की रिहाई के बाद उसके पुनर्वास की योजना में कई आवश्यक बातें नदारद हैं, जिन पर उसकी रिहाई से पूर्व विचार किए जाने की आवश्यकता है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि आखिर देश की बेटी के साथ कितना इंसाफ करता है यहां का कानून।
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बेटी का नाम बताने में नहीं है कोई शर्म-
इस घटना के तीन साल बाद निर्भया की मां ने कहा कि, ‘मेरी बेटी का नाम ज्योति सिंह था। मुझे उसका नाम बताने में कोई शर्म महसूस नहीं होती।’