आपने शादी के दौरान दूल्हे को घोड़ी पर बैठे तो देखा ही होगा। इसी के साथ आपको शादी में होने वाली सारी रस्मों रवाजों के पीछे के कारण भी पता होंगे, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि शादी के दिन दूल्हा सिर्फ घोड़ी पर ही क्यों बैठता है? वो घोड़े पर भी तो बैठ सकता है। शायद आपने इस बात पर गौर किया हो, लेकिन आपको कभी इसके पीछे छिपी वजह पता चल पाई है। नहीं पता तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज हम आपको इस बात से अवगत कराएंगे। हालांकि कुछ लोगों का कहना होता है कि दूल्हे के पास ये आखिरी मौका होता है शादी के चंगुल से भागने का, लेकिन ये इसकी असल वजह नहीं है।
जानें क्यो सिर्फ घोड़ी पर बैठता है दुल्हा..?
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दुनिया में ऐसे कई जानवर हैं जो सवारी योग्य माने जाते हैं। आपको बता दें कि घोड़े को वीरता और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। तो वहीं दूसरी तरफ घोड़ी को उत्पत्ति का कारक माना जाता है। ऐसी मान्यता होती है कि भगवान श्रीराम और कृष्ण अपनी शादी के दिन घोड़ी पर ही आए थे। इसी दिन उन्होंने भी अपने नए जीवन की शुरूआत की थी। तो शायद इसी वजह से हम लोग भी इसे परंपरा के रूप में मानते आ रहे हैं। इसके अलावा घोड़े को सभी जानवरों में से सबसे ज्यादा ताकतवर माना जाता है।