रूसी विमान हादसे के बाद दक्षिण सूडान के विमान हादसे में 41 लोग मारे गए। जिनमे से सिर्फ दो लोगों के बचने की बात सामने आई हैं। इस विमान हादसे के बाद पूरी दुनिया का ध्यान साउथ सूडान की तरफ गया। मीडिया के जरिये जब वहां की तस्वीरें लोगों तक पहुंची। उसके बाद साउथ सूडान की बदहाली पूरी दुनिया के सामने आई।
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कई सालों से सूडान गृह युद्ध की मार झेल रहा है। यहां के लोगों के पास न खाने को पर्याप्त खाना है और न पीने के लिए पानी। लोगों का जीवन स्तर सामान्य से कहीं निचले स्तर पर है। यहां के लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र पर निर्भर हैं।
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ऐसा नहीं हैं कि इस देश में खेती लायक भूमि नहीं है, लेकिन यहां के लोग चाह कर भी खेती नहीं कर पाते क्योंकि यहां कि सरकार ने खेती पर 70 प्रतिशत टैक्स लगाया हुआ है। इसी वजह से ज्यादातर लोग यहां मांसाहार पर ही निर्भर है। पेट भरने के लिए लोग गाय का मांस खाते हैं। लोगों के पास खाने की न कोई व्यवस्था है और न ही विकल्प।
दुनिया में जिस भी देश के पास तेल के भण्डार हो, वह देश आज अमीरी के शिखर पर है। आप यकीन नहीं मानेंगे कि दक्षिणी सूडान के पास तेल के भंडार है। लेकिन रिफाइनरी न होने के कारण तेल के भंडार का कोई उपयोग नहीं।
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सूडान में डिंका और नेयुर समुदाय के बीच संघर्ष चल रहा है। लेकिन समुदायों के 50 प्रतिशत लोग लड़ाई नहीं शांति चाहते हैं। इन समुदायों की आपसी लड़ाई के चलते यह लोग गैर कानूनी तरीकों से हथियारों को बाहर के देशों से मंगवाते हैं। कई बार यूएन की सेना इन हथियारों को जब्त कर लेती है। इन हथियारों पर कई बार मेड इन चाइना लिखा होता है।
इस तरह के माहौल में साउथ सूडान का विकास कब और कैसे हो पायेगा, यह अभी कहा नहीं जा सकता। लेकिन हैरानी होती है यह देखकर की आज भी कई देश ऐसे है। जो सिर्फ नफरत के कारण दुनिया के साथ कदम मिला कर नहीं चल पा रहे हैं।