अपने यहां शिकार हमेशा शिकारी या राजा ही करते थे, पर एक समय ऐसा भी था जब चीते जैसा खूंखार जानवर आम लोगों के लिए शिकार करता था। जी हां, आज हम आपको जिस समय के बारे में यहां बता रहें हैं उस समय में शिकार के मायने ही बदले हुए थे। आमतौर पर आपने देखा होगा कि प्राचीन समय में राजा या कोई शिकारी किसी वन्य जीव का शिकार करते थे, पर भारत का यह समय ऐसा था जिसमें खूंखार चीता सरीखा जीव आम लोगों के लिए शिकार करता था। आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस बारे में…
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यह उस समय की बात है जब भारत में अंग्रेजी सत्ता स्थापित थी यानी भारत जब अंग्रेजों का गुलाम था। उस समय के शिकारियों ने चीते जैसे खूंखार जंतु को कुछ इस प्रकार से प्रशिक्षित किया था कि चीता उनके लिए ही शिकार करता था। चीतों से शिकार कराने के लिए शिकारी लोग उसको अपनी बैलगाड़ी से बांध कर जंगल में ले जाते थे और उसको किसी ऐसी जगह पर उतार दिया जाता था जहां जानवर जंगल में घास चर रहें होते थे। चीता तेजी से दौड़ता था और जानवर का शिकार कर लेता था। इस प्रकार से चीता जैसा खूंखार जानवर भी आम लोगों के लिए शिकार करने लगा था। इस कार्य के लिए चीतों को शिकारी की ओर से सुरक्षा और पर्याप्त भोजन मिलता था। आपको हम यह भी बता दें कि यह कार्य महज मनोरंजन के लिए होता था।