एक तरफ जहां महिलाओं को पुरूषों के बराबर अधिकार दिए जाने की बड़ी-बड़ी बातें होती है। वहीं अब आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान की एक संवैधानिक दर्जा प्रप्त संस्था काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडिओलॉजी, जिसको सीआईआई भी कहा जाता है। उसने महिलाओं के लिए बनाए गए सुरक्षा बिल में पुरूषों के समर्थन में भी एक महिला विरोधी सिफारिश की है। जिसको जानने के बाद हर महिला को गुस्सा आना लाजमी हैं। सीआईआई का विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा है कि – “जब पत्नी धार्मिक वजहों के अलावा या किसी कारण से अपने पति के साथ सोने से और संबंध बनाने से इनकार करे तो भी पति अपनी पत्नी की पिटाई कर सकता है।” इतना ही नही काउंसिल ने ये भी सुझाव दिया है कि- “अगर महिला हिजाब ना पहने, अनजान लोगों से बात करे, तेज आवाज में पति से बात करे और पति से पूछे बिना दूसरों को पैसे दे तो भी वहां पर उसकी पिटाई हो”
Image Source :http://www.hindustantimes.com/
जान लें कि सीआईआई इस्लाम के मुताबिक कानून बनाने के लिए संसद को प्रस्ताव देती है। हालांकि संसद इनकी सिफारिशों को मानने के लिए किसी भी तरह से बाध्य नहीं है। वहीं बता दें कि सीआईआई ने पंजाब सरकार के हिंसा के खिलाफ बनाए गए महिलाओं के संरक्षण के कानून-2015 को इस्लाम के विरूद्ध बताकर खारिज कर दिया है। यौन हिंसा, मानसिक और घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाने के लिए यह कानून बनाया गया था। एक अंग्रेजी न्यूज पेपर की खबर के मुताबिक अब 163 पन्नों के इस विधेयक मसौदे को सीआईसाई पंजाब विधानसभा को भेजेगी। जिसमे कई प्रतिबंधों का प्रस्ताव दिया गया है।