उत्तर प्रदेश अक्सर सांप्रदायिक तनाव से घिरा रहता है जिसको लेकर यह प्रदेश हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। यहां पर हुए कई हिंदू-मुस्लिम झगड़ो ने दंगो का रूप लिया है। कुछ समय पहले इस जिले का इतना बुरा हाल था कि हजारों लोगों को सांप्रदायिक झगड़ों के चलते अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा था लेकिन उत्तर प्रदेश के शामली जिले के मलकपुर गांव में दोनों ही संप्रदाय के लोगों ने मिसाल कायम की है। आज वो गांव सांप्रदायिक सौहार्द का एक उदाहरण बनकर उभरा है। मलकपुर गांव की दिलचस्प बात ये है कि यहां पर मुस्लिमों की आबादी 55 प्रतिशत है लेकिन यहां पर प्रधान की कमान एक हिंदू को सौंपी गई है।
लड़ाई-झगड़ों से परे हटकर इस गांव के हिंदू-मुस्लिम ने हाथ मिलाकर एक नदी को पुनर्जीवित करने की ठानी है। इस मुहिम में यहां के हिंदू प्रधान एक मुस्लिम वैज्ञानिक की दिशा निर्देश पर चल रहे है। यहां पर लोग धार्मिक भेद भाव से ऊपर उठकर अपने प्रकृतिक संसाधनों को बचाने का प्रयास कर रहे है।
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शामली जिले का ये गांव भले ही छोटा हो लेकिन बड़ी सीख देते हुए ये उन लोगों के मुंह पर तमाचा लगाते है जो लोग सांप्रदायिकता से उठकर कुछ सोच नहीं पाते। ये गांव सिर्फ पानी की किल्लत जैसी समस्यां से निपटने की प्रेरणा ही नहीं देता है बल्कि ये उन किसानों के लिए उदाहरण है जो आत्महत्या को गले से लगा लेते है।