समाज की कुप्रथाओं से ग्रस्त किन्नरों को हमेशा समाज ने नीची दृष्टि से देखा है। फिर समाज ही क्या देश ने भी इन्हें कई अधिकारों से वंचित भी रखा था पर आज इनके उत्थान के लिए भारत की सरकार ने कई ठोस कदम उठाये है। जिसके चलके कुछ किन्नर तो बड़े औहदे पद पर जाकर देश और समाज के लिए मिसाल बनकर भी उभरे है। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान ने भी किन्नरों के लिए एक फतवा जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि किन्नर निकाह अब इस्लाम के कानून के आधार पर वैध है। पाकिस्तान के संगठन इत्तेहाद-ए-उम्मत की अपील पर ही यह फ़तवा जारी किया गया है। जिसमें इन नियमों के तहत ‘ऐसे किन्नर जिनके अंग पुरुषों के समान है उनका निकाह ऐसे किन्नर के साथ होगा जिसके शरीर के अंग स्त्री के समान होगें।
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पंजाब की राजधानी लाहौर में 50 से ज्यादा मुफ़्तियों ने मिलकर यह फतवा जारी किया है। जिसमें किन्नरों का निकाह इस्लाम के कानून के आधार पर जायज बताया है। यदि किन्नरों में महिला और पुरुष दोनों के अंग समान पाये जाते है तो इनका निकाह खारिज कर दिया जायेगा जो किसी भी प्रकार से मान्य नहीं होगा।
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इसके अलावा उनके कानून के मुताबिक बताया गया कि ऐसे मां-बाप को भी दंडित किया जायेगा जो अपने किन्नर बच्चे को बचपन से ही छोड़कर अपनी सम्पति से बेदखल कर देते है।
पाकिस्तान की सरकार ने किन्नरों के उत्थान के लिए पहचान पत्र बनाये जाने की मांग भी की है, ताकि वो अपनी जिंदंगी को इज्जत के साथ जीने के लिए नौकरी, बिजनेस या किसी भी अन्य चीज में हिस्सा ले अपनी छिपी प्रतिभा को निखार सकें और अपना जीवन यापन कर सके।