29 अप्रैल का दिन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के ही दिन भारत में एक बहुत ही प्राचीन किले का निर्माण शुरू किया गया था। 29 अप्रैल 1639 को दिल्ली में लाल किले की नींव रखी गई थी। लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था। यह किला शाहजहांनाबाद की मध्यकालीन नगरी का एक बहुत ही मुख्य केन्द्र था।
इस किले की व्यवस्था, सौन्दर्य और योजना मुगल सृजनात्मकता का एक बहुत की शानदार नमूना है। इस किले का निर्माण कार्य सन् 1648 में पूरा हुआ था। यह किला मुगल बादशाह शाहजहां की नई राजधानी शाहजहांनाबाद का एक मुख्य महल था और इसी कारण दिल्ली शहर को सातवीं मुस्लिम नगरी भी माना जाता था।
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लाल किले को ताजमहल की तरह यमुना नदी के किनारे पर ही बनाया गया तथा इसी नदी के पानी से किले के चारों ओर एक गहरी खाई बना कर उसे भरा गया था। यह किला सलीमगढ़ के पूर्वी दिशा की ओर स्थित है। इस किले का नाम लाल किला इसके लाल पत्थरों के कारण पड़ा। इस किले के इन्हीं लाल पत्थरों की मदद से चारों ओर एक बहुत ही मजबूत दीवार का निर्माण किया गया था जो कि 1.5 मील लम्बी और 60 फीट ऊंची बनायी गई है। इतना ही नहीं इस किले का निर्माण 82 मी. के वर्गाकार चौखाने में किया गया है।
एक समय ऐसा भी था जब इस किले में 3000 लोग रहा करते थे, लेकिन सन् 1739 में इस किले पर फारस के बादशाह नादिर शाह ने आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण में वो अपने साथ इस किले से स्वर्ण मयूर सिंहासन को ले गया था। जिसके बाद सन् 1857 में इस किले पर ब्रिटिश साम्राज्य ने कब्जा कर लिया। ब्रिटिश शासन में इसे ब्रिटिश सेना का मुख्यालय बनाया गया था।