भगवान शिव के दुनिया भर में बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं, पर कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जो अपनी खास विशेषताओं के कारण ही प्रसिद्ध है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में यहां जानकारी दे रहें हैं। जी हां, आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी आपको दे रहें हैं वह अपने आप में बहुत खास है। आपको हम बता दें कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा अन्य मंदिरों के जैसे नहीं होती है, बल्कि यहां सिर्फ भगवान शिव के अंगूठे की ही पूजा की जाती है। आज भी आप भगवान शिव के अंगूठे के निशान को इस मंदिर में देख सकते हैं। इस अनोखे मंदिर मंदिर का नाम “अचलेश्वर महादेव मंदिर” है और यह राजस्थान में स्थित है। आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस मंदिर के बारे में।
image source:
आपको सबसे पहले हम बता दें कि भगवान शिव का यह अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। माउंट आबू राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन है। बहुत कम लोग जानते है कि माउंट आबू को “अर्ध काशी” भी कहा जाता है। अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू से महज 11 किमी की दूरी पर अचलगढ़ की पहाड़ियों में स्थित है।
आपको हम बता दें कि यह भगवान शिव का एकमात्र ही ऐसा मंदिर है, जहां पर भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है। इस मंदिर में भगवान शिव की एक प्रतिमा है, जिसको पांच धातुओं से मिलाकर बनाया गया है। जिस स्थान पर यह प्रतिमा है उस स्थान पर भी भगवान शिव के अंगूठे का निशान है।
image source:
जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं, तब सबसे पहले आपको नंदी देवता की एक प्रतिमा मिलती है। आपको हम बता दें कि यह प्रतिमा चार टन की है तथा यह भी पंच धातु से निर्मित की गई है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि काशी भगवान शिव की नगरी है तथा माउंट आबू उप नगरी है। इस प्रकार से माउंट आबू भी भगवान शिव के आशीष से अभिसिंचित है। लोगों में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के अंगूठे के निशान ने ही सारे माउंट आबू पर्वत को थामा हुआ है। जिस दिन यह अंगूठे का निशान गायब हो जाएगा उस दिन माउंट आबू पर्वत भी खत्म हो जाएगा। सावन के समय में इस मंदिर में बहुत लोग शिव के दर्शन के लिए आते हैं।