वैसे तो अपने दुनिया में अब तक कई प्रकार की सभ्यताएं आई और गई हैं पर मेसोपोटामिया और सिंधु घाटी की सभ्यता उनमें से न सिर्फ सबसे ज्यादा आधुनिक थीं बल्कि अधिक सुविधाओं वाली भी थी, परन्तु ये दोनों सभ्यताएं आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी हुई है। असल में इन दोनों सभ्यताअों के बारे में आधुनिक विज्ञान ज्यादा कुछ नहीं जानता है, हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और आईआईटी खड़गपुर के पुरातत्व वैज्ञानिकों ने इन सभ्यता को लेकर कुछ खुलासे किये हैं। आज हम आपको किये गए उन खुलासा के बारे में ही बता रहें हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और आईआईटी खड़गपुर के पुरातत्व वैज्ञानिकों के अनुसार सिंधु घाटी की सभ्यता 5 नहीं बल्कि 8 हजार साल पुरानी सभ्यता है। असल में अब तक के उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर सिंधु घाटी की सभ्यता को 5 हजार साल पुरानी सभ्यता माना जाता है परन्तु अभी पुरातत्व वैज्ञानिकों ने खुदाई में मिले प्रमाणों के आधार पर यह खुलासा किया है, दूसरी और मेसोपोटामिया की सभ्यता ईसा से 65,00 से 31,00 साल पुरानी मानी जाती है।
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किस प्रकार से नष्ट हुई सिंधु घाटी सभ्यता –
अब तक की खोज से यह बात सामने आई है कि सिंधु घाटी सभ्यता मौसम हुए के कारण नष्ट हुई थी। आईआईटी खड़गपुर के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड अनिंदय सरकार इस बारे में कहते हैं कि “हमने इस सभ्यता की सबसे पुरानी पॉटरी को खोज निकाला है। इसके समय का पता लगाने के लिए हमने ऑप्टिकली स्टिम्युलेटेड लूमनेसन्स तकनीक का इस्तेमाल किया। इससे पता चला कि ये पॉटरी हड़प्पा काल के लगभग 6 हजार साल पहले के हैं।”
खुदाई में मिली है ये वस्तुएं –
सिंधु घाटी की सभ्यता के अवशेष पाकिस्तान के हड्डपा से भारत के लोथल और कालीबंगन तक मिले हैं पर वैज्ञानिक मानते हैं कि यह सभ्यता हरियाणा के भिर्राना और राखीगढ़ीमें भी थी। भिर्राना में खुदाई करने पर वैज्ञानिकों को हिरणों तथा बकरियों के अवशेष और गाय के सींग के अलावा कुछ हड्डिया भी मिली हैं।