omg! 63 साल से रेत खाकर जिदां है ये महिला…

-

खाने की बात करें तो सभी की आदते अलग-अलग तरह की होती है, हर कोई अपने मनमुताबिक आहार लेना पसंद करता है और यही लोगों की दिनचर्या में भी शामिल रहता है, पर यदि हम बात करें कि घर बनाने में प्रयोग कि जाने वाली रेत किसी का आहार बन जाये तो इसके लिए आप क्या कहेगें। जां ही, ये बात सच है।

वाराणासी में रहने वाली 76 वर्षीय कुसमावती पिछले 63 सालों से बालू (लाल रंग की रेत) खाकर जिंदा है। जो इनका उचित आहार बन गया है, जिसके ना मिलने से इन्हें बैचेनी बढ़ जाती है औप पेट में दर्द होने लगता है। इनके सभी रोगों का इलाज है बालू का सेवन करना। इन्होनें रेत को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए इसकी पूरी समय सारणी तैयार करके रखी है। जो दिन भर में 1 किलो बालू खाकर पूरी होती है।

eating-sand-since-63-years1Image Source:

रोज सुबह लोग बासी मुंह पानी का सेवन करते है, तो ये बालू का सेवन करती है। इसके बाद ही ब्रश करके चाय की चुसकी लेती हैं। कुसमावती सुबह सौ ग्राम के करीब बालू के फांकती है। इसके बाद ही चाय या नाश्ता करती है। इसी तरह से दोपहर के समय खाने से पहले और बाद में बालू का सेवन करती हैं और रात तक यह क्रिया चलती रहती है।

बालू के खाने का सबसे बड़ा कारण इनके पेट का असहनीय दर्द बना था, जिसे दूर करने के लिए किसी वेध ने इन्हें आधे गिलास दूध में दो चम्मच बालू खाने की हिदायत दी थी, धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन गई और ये आदत आगे चलकर किलो के हिसाब में बदल गई।

डॉक्टर्स के अनुसार ये एक साइकाइट्रिक बीमारी है। जो किसी की आदत में शामिल हो जाती है। पर बता दें कि बालू खाने से इस महिला को किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है। वो पूरा भोजन करने के साथ उतना ही बालू भी खा जाती है। इनके दो बच्चे भी है पर वो बालू के सेवन से दूर रहते है।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments