ताजमहल एक ऐसी खूबसूरत ईमारत है। जिसकी वजह से आगरा शहर को जाना जाता है। इस आगरा शहर के निकट ही एक छोटा सा गांव भी है। जो काफी फेमस है। इस गांव के फेमस होने की वजह है चाय। आज के समय में अपने देश के हर चौराहे या गली के नुक्कड़ पर चाय की दूकान आसानी से मिल जाती है। लेकिन इस गांव की खासियत यह है की यहां पर चाय की एक दूकान तक नहीं है। जी हां आपको बता दें की इस गांव का नाम है “कुआं खेड़ा”, और यह आगरा से महज 2 किमी की दूरी पर है।
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गांव में चाय की दूकान न होने के बाद एक और तथ्य है जो इस गांव को भारत के अन्य स्थानों से अलग करता है। असल में इस गांव में दूध को बेचना भी पाप माना जाता है। गांव के स्थानीय लोगों की मान्यता है की यदि गांव में किसी ने दूध को पैसा लेकर किसी को बेचा तो गांव पर मुसीबतें आ जाएँगी। इस मान्यता के चलते ही इस गांव में दशकों से दूध को नहीं बेचा जाता है। हालांकि यहां आपको बहुत घरों में गाय या भैंसे बंधी मिलेंगी। दूध का उत्पादन होता मिलेगा लेकिन दूध का व्यवसायीकरण आपको इस गांव में नहीं मिलेगा।
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इस गांव के लोगो के घर जो भी दूध होता है। उसका यूज ये लोग अपने ही घर में कर लेते हैं। यदि किसी वजह से दूध बच जाता है तो बिना पैसे लिए किसी अन्य व्यक्ति को दे देते हैं। इस गांव के प्रधान राजेंद्र सिंह का कहना है की “हमारे गांव में यह प्रथा दशकों से चल रही है। यदि कोई इस मान्यता को तोड़ता है तो उसके साथ अनहोनी घट जाती है।” इस बात को अन्धविश्वास से भले ही जोड़ लें लेकिन गांव के लोगों के लिए यही विश्वास है। खैर दूध न बेचने के चलते गांव में कोई भी चाय की दूकान नहीं है।