देखा जाए तो हमारे देश में टैलेंट की कमी पुरातन काल से नहीं रही है। ऐसे बहुत से लोग हमारे देश में हुए हैं जिन्होंने देश को अपने ज्ञान से कुछ न कुछ दिया है ताकि अपने देश के लोगों को सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा मिल सकें। इसी उद्देश्य को लेकर हमारे देश के एक शख्स ने ऐसा एप्लीकेशन बनाया है जो वाट्स अप से ज्यादा किफायती और सिक्योर है ही साथ ही इसमें वाट्स अप से ज्यादा डेटा शेयर कर सकते हैं। इतना ही नहीं आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस एप को 15 साल के एक छात्र ने महज 3 महीने में अकेले दम पर बनाया है। जल्द ही यह मेसेजिंग एप्लिकेशन व्हाट्सएप को टक्कर देने आ रहा है कम्युनिटी नाउ नाम का एप।
सूत्रों की माने तो यह एप्लिकेशन व्हाट्सएप से ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा फीचर वाली होगी । सबसे अचरज की बात तो यह है कि इस छात्र ने किसी तरह की सूचना तकनीकि की कोई पढ़ाई और प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है। हरिद्वार के आलोक प्रताप नारायण सिंह के कम्युनिटी नाउ नाम के इस मेसेजिंग एप को गूगल प्ले स्टोर और अमेजिंग स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
आलोक 11वीं कक्षा में कॉमर्स का छात्र है। आलोक करीब 3 महीने पहले बीमारी की वजह से स्कूल नहीं जा पा रहा था और जब घर में पड़े-पड़े बोर होने लगा तो वक्त गुजरने के लिए उसका सहारा बना उसका लैपटॉप और डेस्कटॉप। इसी के साथ आलोक का स्मार्टफोन भी उसका साथी था।
कई प्रकार के मेसेजिंग एप को यूज करते समय आलोक को उनमें खामियां नजर आई तो उसने यह नया एप बना डाला। एप यूजर के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हो और यूजर को एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा डेटा आपस में शेयर करने का मौका मिल सके। बस इस बात को दिमाग में रखकर आलोक ने इस पर कम करना शुरू कर दिया और बना दिया कम्युनिटी एप।
आलोक द्वारा तैयार किया यह एप व्हाट्स एप और दूसरे एप से ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा फीचर वाला है। आलोक के अनुसार यूजर के लिए कम्युनिटी नाउ अब तक का सबसे सिक्योर एप है, यानि इस एप में यूजर का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और ऐसे किसी भी तरह से कोई भी न तो चुरा सकता है और न ही हैक कर सकता है।
व्हाट्स एप से यूजर एक दूसरे को 100 एमबी तक का ही डेटा आपस में शेयर कर सकते हैं पर कम्युनिटी नाउ के यूजर 1.55 जीबी तक की वीडियो और डेटा को आपस में शेयर कर सकते हैं। यही नहीं इस एप में एक बार में 200 पर्सन एक साथ ग्रुप के साथ जुड़ सकते हैं, जबकि व्हाट्स एप में ग्रुप में केवल 100 मेंबर ही जुड़ सकते हैं। इस एप पर भी वीडियो कॉलिंग की सुविधा है।
200 मीटर के दायरे में कम्युनिटी नाउ के यूजर 2 जीबी तक का वीडियो तेज स्पीड से बिना इंटरनेट के आपस में शेयर कर सकेंगे। इसके लिए आलोक अपने पिता का सबसे ज्यादा सहयोग मानते हैं। इस एप को बनाने में उन्हें तीन माह का समय लगा।
आलोक के इस एप को गूगल और अमेजोन ने भी मान्यता प्रदान कर दी है। अमेजोन ने तो आलोक को इस एप को उसे बेच देने के लिए मोटी रकम का ऑफर भी दिया था पर आलोक ने उस ऑफर को ठुकरा दिया। फिलहाल कम्युनिटी नाउ को मेसेजिंग एप टेलीग्राम ने अपना प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है पर जल्द ही कम्युनिटी नाउ अकेले ही यूजर के सामने होगा।
आलोक का कहना है कि व्हाट्स एप काफी बड़ा ग्रुप है। उसके पास पैसा भी बहुत है।
आलोक अपनी प्रतिस्पर्धा हाइक से मानते हैं। उसके लेवल पर आने में उन्हें अभी ढाई साल का समय लगेगा। इसे बनाने के लिए ऑनलाइन के साथ काफी किताबें पढ़नी पड़ी।
आलोक के पिता दुर्गेश प्रताप सिंह पेशे से इंजीनयर हैं। उनका कहना है कि उन्हें गर्व है कि उन्होंने घर में एक वैज्ञानिक को जन्म दिया।