भारत में वैसे तो बहुत से मंदिर हैं, पर कुछ मंदिर अपनी विशेष शैली के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हैं। आज हम यहां आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी दे रहें हैं। इस मंदिर के बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। असल में इस मंदिर की शैली दक्षिण भारतीय है और इसका नाम झारखंड है, पर यह स्थित है राजस्थान में। इस प्रकार से तीनों अलग-अलग चीजें इस मंदिर में स्थित है। आइए अब आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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सबसे पहले हम आपको बता दें कि इस अनोखे मंदिर का नाम “झारखंड महादेव मंदिर” है। यह मंदिर राजस्थान के जयपुर में “प्रेमपुरा” नामक एक गांव में है। यह मंदिर काफी दूर-दूर तक इस क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस मंदिर के नाम को सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं और वे सोचते हैं कि मंदिर का नाम झारखंड है तो यह राजस्थान में निर्मित कैसे हुआ? असल में जिस क्षेत्र में यह मंदिर बना हुआ है, वहां आपको चारों ओर खूब पेड़-पौधे और हरियाली मिलती है और इस वजह से ही इस मंदिर को झारखंड महादेव का नाम दिया गया है। यह मंदिर 100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। सन् 1918 में इस मंदिर के शिवलिंग के चारों ओर एक कमरे का निर्माण किया गया था और उसको ऐसे ही छोड़ दिया गया था। बाद में सन् 2000 में जब इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया तो इस मंदिर को दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया। यही कारण है कि यह मंदिर राजस्थान में होकर दक्षिण के तिरुचिरापल्ली मंदिर के जैसा ही लगता है। इस मंदिर के ट्रस्ट के चेयरमैन जय प्रकाश सोमानी अक्सर दक्षिण भारत के टूर पर जाते थे और उनको वहां के मंदिर काफी पसंद आते थे। इसलिए जब इस झारखंड महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, तब जय प्रकाश सोमानी ने 300 मजदूरों की सहायता से इस मंदिर को दक्षिण भारत की शैली में ही निर्मित कराया। इस प्रकार से यह शिव मंदिर राजस्थान में है और इसका नाम झारखंड है तथा यह दक्षिण भारतीय शैली में बना है।