पत्थर की चट्टान काटकर बनाया गया था यह पानी का जहाज

-

पानी के जहाज आपने देखें ही होंगे, पर क्या आपने कभी पत्थर का जहाज देखा है, जिसको पत्थर की चट्टान काटकर ही बनाया गया हो, यदि नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं अपने ही देश में बने दुनिया के एकमात्र पत्थर वाले पानी एक जहाज के बारे में। जी हां, यही इस जहाज की खासियत रही है कि यह जहाज लकड़ी तथा अन्य धातुओं से नहीं बल्कि पत्थर से बना है, आइए अब आपको बताते हैं इस जहाज के बारे में।
आपको सबसे पहले हम यह बता दें कि यह पत्थर का जहाज भारत के राजस्थान राज्य के जोधपुर में बना हुआ है। इस जहाज को पत्थर की चट्टान को काट कर ही राजनिवास के लिए बनाया गया था, इसलिए इसको “शिप हाउस” कहा जाता है। आपको हम यह भी बता दें कि इसका निर्माण रियासत काल में प्रताप सिंह नामक राजा ने कराया था।

Image Source:

मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट में राजा प्रताप सिंह की जो जानकारी मिलती है उसके अनुसार प्रताप सिंह उस समय के एक मात्र ऐसे राजा थे, जिन्होंने सबसे अधिक विदेश यात्राएं की थी और उस समय विदेश यात्रा पानी के जहाज से ही की जाती थी, तो अपनी जल यात्राओं से प्रभावित होकर ही राजा प्रताप सिंह ने “शिप हाउस” बनवाया था। इस शिप हाउस का निर्माण 1886 ईस्वी में नागौरी के पास ही एक छोटी पहाड़ी को काट कर अपने निवास स्थान के लिए पानी के जहाज की शेप में कराया था। इस जहाजनुमा महल का नक्शा “जीजे ओवरीन” ने बनाया था तथा प्रमुख अभियंता होम ने इसकी ईमारत का निर्माण कराया था। इस महल का काम पूरा होने के बाद यहां पर कुछ समय राजा प्रताप सिंह रहे, पर अपने एक मित्र की सलाह पर बाद में उन्होंने इसमें रहना छोड़ दिया था, असल में उनके एक मित्र ने कहा था कि जोधपुर की हवा पश्चिम से पूर्व में बहती है और यह शिप हाउस पूर्व में है तो सारे शहर की प्रदूषित वायु आपके महल की ओर ही आएगी, इसके बाद ही प्रताप सिंह ने शिप हाउस में रहना छोड़ दिया था। वर्तमान में यह शिप हाउस पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत आता है और बहुत से लोग यहां पर आज भी घूमने के लिए आते हैं।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments