क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि किसी व्यक्ति की चिता से एक बड़ी झील बन सकती है यदि नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी ही झील से परिचय करा रहें हैं जो की एक व्यक्ति की चिता की राख से निर्मित हुई है। इसके अलावा इस झील की खूबी यह है कि यह झील सिक्ख और बौद्ध धर्म के अनुयायी लोगों के लिए श्रद्धा का केंद्र है, आइए अब आपको बताते हैं इस झील के बारे में।
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असल में एक प्राचीन कथा में इस झील के बारे में बताया गया है। कथा के अनुसार इस स्थान पर एक राजा ने अपनी चिता को जलवाया था और वह एक विशाल चिता थी। यह चिता लगातार सात दिन तक जलती रही और बाद में इस स्थान पर राख बहुत बड़ी मात्रा में इक्कट्ठी हो गई। जिसके बाद में यह स्थान एक झील के रूप में परिवर्तित हो गया था और इसलिए वर्तमान में आज भी इस स्थान की झील से राख निकलती है। यह झील भारत के हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में स्थित है और इसको “कमल झील” के नाम से जाना जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग इस झील के दर्शन के लिए आते हैं और इस झील से एक मान्यता यह भी जुड़ी हुई है कि झील में सिक्का डालकर मुराद मांगने पर वह पूरी हो जाती है, इसलिए यहां बहुत से लोग इस झील में सिक्का डालकर मुराद भी मांगते हैं।