इस गैर हिंदू देश के राजा है मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के वंशज

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को सभी जानते हैं, पर क्या आप उनके वंशजों के बारे में जानकारी रखते हैं कि वर्तमान में वे कहां है और किस देश के राजा हैं। देखा जाए तो इस तथ्य को सभी ने भुला दिया है कि आखिर श्री राम के वंशजों का क्या हुआ, वे कहां-कहां स्थापित हुए और उन्होंने क्या-क्या कार्य किए। आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी मुहैया करा रहें हैं ताकि आप इस ऐतिहासिक तथ्य को जान सकें और अपने ज्ञानकोष में वृद्धि कर सकें, तो आइए जानते हैं वर्तमान के श्री राम के वंशजों के बारे में।

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थाईलैंड को तो आप जानते ही होंगे यह देश दक्षिण पूर्व एशिया का देश है और यह मूलत एक बौद्ध देश है, पर यदि आप इस देश के लोगों को और उनकी मानसिकता को करीब से देखेंगे तो पाएंगे कि यहां के लोगों में प्रभु श्री राम के प्रति प्रेम और अनुराग बहुत ज्यादा है। यहां के बौद्ध लोग हिंदू धर्म तथा थाईलैंड में बने अनेक हिंदू मंदिरों में अपनी विशेष श्रध्दा रखते हैं और अपने देश के राजा को प्रभु श्री राम का वंशज मानते हैं। वर्तमान में थाईलैंड संवैधानिक तौर पर एक लोकतांत्रिक देश है, पर यहां के राजा को इस देश के लोग प्रभु श्री राम का वंशज मान कर उसका वैसा ही सम्मान करते हैं जैसे कोई भक्त अपने भगवान का करता है।

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थाईलैंड में राजा को एक पूजनीय पुरुष का दर्जा दिया जाता है इसलिए यहां के राजा को लोग अपने किसी निजी अथवा सार्वजानिक झगड़े के बीच में कभी नहीं लाते हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि थाईलैंड में वर्तमान में प्रभु श्री राम के छोटे लड़के कुश के दशम वंशज “सम्राट माहा वाजीरालोंग्कोर्न” राज कर रहें हैं जिनको लोग “दशम राम” कहते हैं। इस वंश को चक्री वंश या चक्री डायनेस्टी भी कहा जाता है और इस वंश के सभी राजाओं को थाईलैंड में श्रीराम का रूप ही माना जाता है। आपको हम यह भी बता दें कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक को “महेंद्र अयोध्या” भी कहा जाता है और थाईलैंड में हालांकि थेरावाद बौद्ध लोग बहुसंख्यक हैं, पर फिर भी इस देश का राष्ट्रीय ग्रंथ “रामायण” है, यहां की रामायण को थाई भाषा में “राम कियेन” कहा जाता है जिसका अर्थ होता है “राम की कीर्ति”, इस प्रकार से प्रभु श्रीराम के वंशज आज थाईलैंड में राज कर रहें हैं और वहां आप श्री राम की कीर्ति का सहज अनुमान लगा सकते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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