रहस्यमय प्रदेश- कहीं बोलते हैं पत्थर तो कहीं मिलते हैं नागलोक के सांप

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वैसे तो अपने देश में बहुत सारे प्रदेश हैं और हर प्रदेश की अपनी एक अलग संस्कृति और सभ्यता है, भारत को प्रकृति ने अपने अनमोल खजाने से बहुत कुछ दिया है और शायद इसी कारण से अपना देश पुरातन काल से ही सबसे ज्यादा समृद्ध रहा है। हमारे देश में कई ऐसी गजह भी हैं जहां पर कई बाते बहुत ही अजीब देखने को मिलती है और सामान्य मानव ही नहीं बल्कि विज्ञान भी आजतक इन रहस्यों को समझने में नाकाम रहा है। देश के इन्हीं इलाकों में से एक है हमारा “छत्तीसगढ़ प्रदेश।”, प्रकृति ने छत्तीसगढ़ को अपने खजाने से भरपूर सामग्री दी है इसलिए ही यह प्रदेश हरियाली से सदैव घिरा रहता है परन्तु यहां पर बहुत सी अजीव और रहस्यमय जगह भी हैं जो की दुनियाभर के लोगों को यहां आने के लिए मजबूर कर देती हैं, आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बता रहें हैं जो की छत्तीसगढ़ को रहस्यमय प्रदेश का दर्जा दिलाती है।

1- ठिनठिनी पखना-

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छत्तीसगढ़ के विलासपुर से 12 किमी के करीव दरिमा हवाई पट्टी पर कुछ पत्थरो के बीच एक ऐसा पत्थर भी है, जिस पर चोट करने से किसी मैटल की तरह ही आवाज आती है। लोग इसी कारण से इस पत्थर को देखने के लिए देश-विदेश से आते हैं। इस पत्थर पर लेटकर या इस पर बैठ कर इसकी आवाज में कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसी कारण से यहां के स्थानीय लोग इसको “ठिनठिनी पखना” कहते हैं।

2- नागलोग-

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इसी प्रदेश के रायगढ़ जिलें में है “नागलोग तपकरा” नामक जगह, इस इलाके में सांप बहुत ज्यादा मात्रा में पाये जाते हैं। यहां पर वाइपर, नाग, कॉमन करैत जैसे सांपो की 6 विषैली प्रजातियां पाई जाती है। कहा जाता है की दुनिया की 6 सबसे विषैली प्रजातियों में से 4 प्रजाति यहां पर पाई जाती है। हर साल यहां पर 60 से 70 लोगों की मौत सिर्फ सांप के काटने से हो जाती है। इस जगह में 1 करोड़ की लागत से स्नेक पार्क बनाने की इजाजत भी मिल चुकी है।

3- तातापानी कुंड-

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बलरामपुर डिस्ट्रिक्ट, छत्तीसगढ़ से करीब 418 किमी दूर है, यहां की धरती स्वयं ही गर्म पानी उगलती है, यह इतना गर्म होता है की इस पानी में आप अंडे या चावल भी पका सकते हैं। सरकार यहां पर अब पावर प्लांट का निर्माण करने की सोच रही है और यह जगह अब टूरिस्ट प्लेस के तौर पर प्रसिद्ध होती जा रही है।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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