इस बात से तो सभी अच्छे से वाकिफ हैं कि हमारे देश में कुछ धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान मचा हुआ है। कुछ दिन पहले आपने भी सुना होगा कि शनि शिंगणापुर मंदिर में भी 400 साल पुरानी परंपरा को खत्म किया गया। जिसके बाद महिलाओं को मुख्य चबूतरे पर जाने और पूजा करने की इजाजत मिली। वहीं इसी तरह नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भी महिलाओं की एंट्री को लेकर भारी विरोध जताया गया था, लेकिन इस भारी विरोध के बाद भी महिलाओं ने मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा की। वहीं आपको आज हम एक ऐसी ही खबर बताने जा रहे हैं जिसमें 1000 साल पुरानी परंपरा को तोड़ा गया और एक मस्जिद में पहली बार महिलाओं की एंट्री का रास्ता साफ हो सका।
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दरअसल यह मामला केरल के कोट्टायम का है। जहां पर एक काफी मशहूर तझातंगाड़ी जुमा मस्जिद है। जिसे केरल की विरासत के रूप में माना जाता है। बता दें कि यह मस्जिद अपनी समृद्ध वास्तुकला, सौंदर्य और काष्ठ कला के लिए काफी फेमस है। यह एक सुन्नी मस्जिद है जो कि मीनाचिल नदी के किनारे पर स्थित है। इसे 8वीं सेन्चुरी में बनाया गया था और जिसको देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते हैं। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मस्जिद में 1000 साल से महिलाओं के प्रवेश पर बैन था, लेकिन अब मस्जिद में दो दिन के लिए महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि इस दौरान यह बात भी कही गई है कि महिलाएं यहां नमाज नहीं पढ़ सकेंगी और ना ही किसी तरह के पारंपरिक रीति रिवाजों में शामिल हो सकेंगी।
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मस्जिद के मौलवी, जिनका नाम सिराज-उद-दिन हसन है उनका कहना है कि- ‘हम महिला और पुरुषों की एकसाथ नमाज पढ़ने आदि को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। महिलाओं को मस्जिद के अंदर ट्रेडिशनल रिचुअल्स की परमिशन नहीं होगी। इनके लिए अलग से अरेंजमेंट होंगे।’ वहीं उन्होंने ये भी कहा कि ‘हजारों साल पुरानी इस मस्जिद को देखने के लिए दुनियाभर से टूरिस्ट आते हैं और वे इसे एन्जॉय करते हैं। वहीं दूसरी तरफ हमारी महिलाएं इसे अब तक नहीं देख पाई हैं। ऐसे में उनकी डिमांड पर हम दो दिन के लिए महिलाओं को अंदर जाने की परमिशन दे रहे हैं।’
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बता दें कि महिलाओं के लिए जैसे ही इस मस्जिद के दरवाजों को खोला गया महिलाओं का खुशी देखते ही बन रही थी। हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं इसको देखने के लिए अंदर गईं। हालांकि वो यहां पर नमाज़ पढ़ना चाहती थीं, लेकिन मस्जिद में प्रवेश करना भी उनके लिए काफी बड़ी बात थी। बता दें कि दो दिनों के लिए पुरुषों को मस्जिद में आने की इजाजत नहीं दी गई है।