नवदुर्गा के हर रूप से एक दिवय औषधि सम्बंधित है। इनके बारे में हम आपको लगातार बताते आ रहें हैं। आइये इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहें हैं नवदुर्गा के 9वें रूप तथा उससे सम्बंधित औषधि के बारे में। सबसे पहले आपको यह बता दें कि नवदुर्गा के 9 वें क्रम के रूप में देवी सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। इस रूप से “शतावरी” नामक औषधि जुड़ी है। शतावरी नामक यह औषधि बुद्धि, बल तथा बीर्यबर्धक मानी जाती है। इसके अलावा इस औषधि के सेवन से त्रिदोषों का शमन होता है तथा यह ह्रदय रोगी मानव के लिए भी लाभदायक मानी जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार नवदुर्गा के 9 रूपों में से प्रत्येक रूप के साथ एक औषधि जुड़ी है जो की मानव के प्रत्येक रोग का शमन करती हैं और मानव जाति को स्वास्थ्य प्रदान करती हैं। अपने रोग के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को उससे सम्बंधित देवी की उपासना तथा औषधि का सेवन करना चाहिए।
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देवी सिद्धिदात्री की उपासना से साधक को सभी सिद्धियां सहज ही प्राप्त हो जाती हैं। देवी सिद्धिदात्री का रूप अत्यंत सौम्य है और इनका आसान कमल का फूल है। देवी सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है। देवी सिद्धिदात्री की उपासना सबहिं देव, दानव तथा नाग आदि करते हैं। मानवजाति के लोगों को देवी सिद्धिदात्री की कृपा सहज ही प्राप्त होती है जिसके कारण उनके सभी दुःख दर्द और परेशानियां ख़त्म हो जाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की कृपा से सभी सिद्धियों को पाया था तथा उनका अर्धनारीश्वर रूप भी इन देवी की कृपा से ही प्राप्त हुआ था। भक्त देवी सिद्धिदात्री की उपासना इस मंत्र से करते हैं।
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
इस प्रकार से देवी सिद्धिदात्री से सम्बंधित औषधि मानव के समस्त रोगों का शमन कर उसको उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती है तथा दूसरी ओर इनकी उपासना से मानव सभी प्रकार के सुखों को उपलब्ध होता है।