श्रवण कुमार – नौकरी छोड़ दादा को दादी की अस्थियों सहित चार धाम यात्रा करा रहा है यह युवक

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श्रवण कुमार की कहानी तो आपने पढ़ी ही होगी, पर क्या आपने कलियुग का श्रवण कुमार देखा है, जो अपने दादा को करा रहा है चार धाम की यात्रा, वह भी अपने कंधे पर बैठा कर। जी हां, आज हम आपको ऐसे ही श्रवण कुमार के बारे में जानकरी देने जा रहें हैं, जो की अपने दादा को कावड़ से चार धाम यात्रा करा रहें हैं और साथ ही में उसने अपनी दादी की अस्थियां भी रखी हुई हैं। जिनको लेकर वह हरिद्वार जा रहें हैं, आइए अब आपको मिलाते हैं कलियुग के इस श्रवण कुमार से।

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कलियुग को सभी युगों में सबसे निकृष्ट युग बताया गया है क्योंकि इस युग में लोगों के हृदय से दया-धर्म का लोप हो जाता है, पर फिर भी इस समय में कहीं न कहीं कोई ऐसे व्यक्ति जरूर है जो अपने प्रकाश से दूसरों को प्रेरणा दे रहें है। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति से मिलाने जा रहें हैं, यह व्यक्ति कावड़ से अपने दादा को चार धाम यात्रा करा रहा है और वर्तमान में सोशल मीडिया पर इसके बारे में काफी आलेख देखें और पढ़ें जा रहें हैं। यह व्यक्ति वर्तमान में त्रेतायुग का श्रवण कुमार ही माना जा रहा है।

कावड़ के माध्यम से अपने दादा को चार धाम यात्रा कराने वाले इस युवक का नाम “पवन कुमार” है, जो की उत्तर प्रदेश के सीतापुर का रहने वाला है। इस युवक ने अपने दादा को चार धाम की यात्रा कराने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी है तथा यह अपने दादा को कावड़ के बैठाकर चार धाम यात्रा के लिए निकल गया है। युवक की बनाई इस कावड़ में एक और युवक के दादा जी बैठे हैं तो दूसरी और मृत दादी की अस्थियां हैं, जिनको यह युवक हरिद्वार में विसर्जित करेगा। वर्तमान में पवन बरेली पहुंच चुके हैं तथा इस यात्रा को वह पैदल ही तय कर रहें हैं तथा इस यात्रा में पवन के साथ में उनके चाचा तथा ताऊ आदि परिजन भी हैं। पवन के इस सराहनीय कदम की चारों और तारीफ हो रही है तथा पवन सीतापुर में काफी चर्चित हो चुके हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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