आत्महत्या की यह मशीन देती है सुखद मौत की गारंटी

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आदिकाल से लेकर अब तक हुई खोजों ने विज्ञान और तकनीक के जरिये मानव को लगभग हर क्षेत्र में सुविधा मुहैया कराई है। एक ओर जहां मानव के जीवन को बचाने के लिए एक से बढ़ कर एक मशीनें आ गई हैं, तो वहीं दूसरी तरफ ऐसी मशीनें भी बन रही हैं जो लोगों को आसानी से मरने यानि आत्महत्या करने में मदद करेंगी। जी हां, हम बात कर रहे हैं मौत की मशीन की। इसे आप डेथ मशीन भी कह सकते हैं। यह मशीन आपको शायद कुछ दिनों बाद बाजार में उपलब्ध हो जाएगी, क्योंकि अभी इस पर सरकारी मुहर लगनी बाकी है। इस मशीन की खासियत यह है कि यह आपको दर्दरहित सुखद मृत्यु देती है।

यह मशीन इंगलैंड के डॉ. फिलिप ने बनाई है। यह एक ऐसी मशीन है जिसमें 91% नाईट्रोजन और 9% कार्बन मोनोऑक्साइड गैस है। उन्होंने इस मशीन को डेस्टिनी नाम दिया है। डॉ. डेथ के नाम से चर्चित डॉ. फिलिप का एक सुसाइड क्लब भी है जिसमें 10,000 सदस्य हैं। इन सदस्यों को सावधानी से आत्महत्या करने के तरीके बताए जाते हैं।

suicide-machine1Image Source : http://www.janghatna.com/

कैसे काम करती है मशीन –
इंगलैंड की न्यूज वेबसाइट मिरर की एक पत्रकार एमिली ने इस मशीन को टेस्ट किया। उन्होंने बताया कि एक पाइप उनकी नाक से होते हुए मशीन में जा रही थी, जिसमें जहरीली गैसें भरी थीं। एक बटन दबाने भर से यह गैस नाक के अंदर जाने लगती है और इनको सूंघने से कुछ ही सेकेंड में इंसान की मौत हो सकती है।

दर्दनाक मौत से छुटकारा –
हालांकि इसे लेकर डॉ. फिलिप अभी कुछ कानूनी दांव पेंच में फंसे हुए हैं। वह कहते हैं कि जल्द ही कानूनी इजाजत के साथ वह इसे बाजार में उतारेंगे। उनका कहना है कि इस मशीन में किसी भी अवैध चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया है। अगर किसी दुकानदार से रस्सी खरीद कर कोई इंसान फांसी लगा ले तो दुकानदार दोषी नहीं हो जाता। उसी तरह उनसे मशीन खरीद कर आत्महत्या करने वाले के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। चूंकि यह मशीन आत्महत्या करने के उद्देश्य से ही बनाई गई है इसलिए इसे कानून की रजामंदी मिलना मुश्किल है।
इस मशीन का उपयोग करने वाले ज्यादातर लोग वे हैं जो बुढ़ापे की या दर्दभरी मौत नहीं मरना चाहते। यह मशीन आपकी आंखों के इशारे और आदेश भी समझती है। यानि अगर कोई बटन दबाना नहीं चाहता तो इशारा भी कर सकता है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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