आपने आज तक सिर्फ पानी की वर्षा ही देखी होगी, क्योंकि प्राकृतिक तौर पर वर्षा सिर्फ पानी की ही होती है। अभी भी चेन्नई में काफी समय से वर्षा हो रही है जिसके कारण वहां के लोगों का जीवन काफ़ी परेशानियों से घिर गया है, पर हम आपको पत्थरों की वर्षा के बारे में बताने जा रहे हैं। एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं जहां पर पत्थरों की वर्षा हो चुकी है। यह स्थान मध्यप्रदेश के मंडला जिले का फूलासर गांव है।
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फूलासर गांव के ठाकुर मोहल्ले में कुछ समय पहले यह घटना घटित हुई थी। इस घटना से सारा गांव दहशत में आ गया था। इस घटना में सबसे अजीब बात यह रही कि पत्थरों की इस बारिश से कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ। यहां के लोगों का कहना है कि सड़क पर चलते लोगों के आगे और पीछे ये पत्थर गिर रहे थे पर कोई भी व्यक्ति इस घटना में घायल नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों की मानें तो उनके गांव में अचानक घरों की छत पर बड़े-बड़े पत्थर बरसने लगे, जिससे खपरे और सीमेंटेड चद्दरें टूट गईं। शुरू में लगा कि ये किसी की शरारत है। जिसके बाद ग्रामीणों ने पूरे गांव का चप्पा-चप्पा छान मारा, लेकिन कोई पत्थर फेंकने वाला नहीं मिला। कुछ ग्रामीण अब इसे दैवीय प्रकोप समझने लगे, इसलिए अब गांव वाले पूजा-पाठ कराने में जुट गए हैं।
गांव के पंडा देवी-देवताओं से पत्थर की बारिश बंद कराने की प्रार्थना कर रहे हैं। उसका कहना है कि उसने अपने जीवन में पहली बार इस तरह की घटना देखी। उसे उम्मीद है कि पूजा-पाठ से दैवीय प्रकोप दूर हो जाएगा। इस घटना से गांव के महिला-पुरुष सभी दहशत में जी रहे हैं। डरे हुए ग्रामीणों ने खाना-पीना बंद कर दिया है। किसी अनहोनी के भय से पूरा गांव अपने घरों से बाहर सड़कों पर निकल आया है।
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जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी इस घटना से सकते में हैं। उनका कहना है कि वे अंधविश्वास पर यकीन नहीं करते, इसलिए जैसे ही इस घटना का पता चला तो वो खुद गांव पहुंचे। गांव में ग्रामीणों से बातचीत के दौरान जब उनकी आंखों के सामने अचानक बड़ा पत्थर गिरा तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। हालांकि इस प्रकार की घटनाओं को दैवीय माना जाता रहा है, जबकि कार्य-कारण नियम के अनुसार प्रत्येक घटना के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य रहता है। इसलिए जरूरी है की इस प्रकार की घटनाओं की वैज्ञानिक तरीके से जांच कराई जाए ताकि सही बात निकल कर लोगों के सामने आए। ऐसा ना होने पर ही लोग अन्धविश्वास में जुड़ते हैं।