भारत को पुरातन काल में “सोने की चिड़िया” कहा जाता था, आज के दौर की बात करें तो विश्व में सर्वाधिक सोना भारत के लोग ही उपयोग करते हैं। पहले के समय में सोने का काफी प्रयोग किया जाता था, यहां तक कि आज भी कई इमारतें ऐसी हैं जिनमें सोने का प्रयोग हुआ है और इन इमारतों में सोने से किए भवन निर्माण को आप देख सकते हैं, इसी क्रम में आज हम आपको भारत की ऐसी ही एक इमारत के बारे में बता रहें हैं जिसकी छत सोने की है और डाइनिंग टेबल पर रखी चांदी की रेल उस महल के मुख्य आकर्षणों में से एक है। आइये जानते हैं इस इमारत के बारे में।
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सोने की छत वाली इस इमारत का नाम है “जय विलास”, असल में यह ग्वालियर के महाराजा “श्रीमंत माधवराव सिंधिया” का महल है। इसको आज भी देखने वाले लोग इसकी खूबसूरती के कायल हो जाते हैं। 1240771 वर्ग फीट में यह महल बना हुआ है।
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इस महल का निर्माण 1874 में हुआ था और उस समय इसकी कीमत 1 करोड़ रूपए थी। वर्तमान में इस महल को 140 साल हो गए हैं। इस महल को सजाने के लिए उस समय विदेशी कारीगरों की मदद ली गई थी, मिशेल फिलोस नामक फ़्रांस के एक आर्किटेक्ट ने इस महल को सजाया था। जब आप इस महल के डाइनिंग टेबल पर जाएंगे तो आपको चांदी किन ट्रेन वहां मिलेगी यह ट्रेन मेहमानों को खाना परोसने के लिए थी और यदि आप इस महल की छत पर नजर डालेंगे तो आपको वहां सोने तथा अन्य रत्नों से की गई कारीगरी मिलेगी। इस महल में 400 कमरे हैं जिनमें से 40 कमरों का उपयोग म्यूजियम के लिए होता है। ओरंगजेब तथा शाहजहां की तलवारे भी आपको इस महल में देखने को मिलेंगी।