प्रेमिका को मारकर बना दी घर में कब्र और उस पर सोता था यह अपराधी

-

अपराध का ग्राफ समाज में लगातार बढ़ता जा रहा है ऐसे में आज हम आपको रूबरू करा रहें हैं, हालही में उजागर हुई एक ऐसी घटना से जिसको पढ़ने के बाद में आपकी रूह कांप जाएगी। जी हां, आज हम आपको बता रहें हैं, एक ऐसी ही आपराधिक घटना के विषय में, जिसके बारे में आज के समय में जो भी जान रहा है, वह चकित हो रहा है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे बता रहें हैं, जिसने अपनी प्रेमिका का मर्डर कर उसकी लाश को अपने ही घर में गाड़ दिया तथा उसके ऊपर एक चबूतरा बना दिया था, हालही में इसका खुलासा हुआ है। आइए जानते हैं इस खबर को।

Bhopal-Murder1Image Source:

पिछले 7 महीने से बंगाल पुलिस “आकांशा शर्मा” नामक लड़की की तलाश कर रही थी और हालही में उसने इसी सिलसिले में भोपाल के साकेत नगर के एक घर में दबिश दी, जहां पर पुलिस को वहां रहने वाला “उदयन दास” नामक शख्स मिला, साथ ही मकान के अंदर बना एक संगमरमर का एक चबूतरा भी मिला, पुलिस को शक था कि लड़की को इस व्यक्ति ने ही मार डाला है और इस चबूतरे के अंदर दफन कर दिया है। इसी शक की बुनियाद पर पुलिस ने उस चबूतरे की खुदाई करवाई। लगभग 3 घंटे की खुदाई के बाद में चबूतरे के अंदर से एक ताबूत निकला जिसके अंदर “आकांशा शर्मा” की लाश थी। वर्तमान में उदयन दास नामक इस अपराधी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और अपने बयान में कहा है कि बीते वर्ष 27 दिसंबर को उसने ही आकांक्षा का कत्ल किया और उसकी लाश को छिपाने के कारण उसने घर पर ही एक मकबरा बना दिया। वहीं बीते 5 सप्ताह से उदयन इसी मकबरे के ठीक बगल में ही सो रहा था। इस बारे में पुलिस का कहना है कि लड़की और उदयन करीब 8 महीने पहले सोशल प्लेटफॉर्म फेसबुक पर मिले थे। कुछ ही दिनों के बाद जून के माह में आकांक्षा ने अपने माता-पिता से कहा कि उसको विदेश में नौकरी मिली है और वह अभियुक्त उदयन के साथ में रहने के लिए भोपाल चली आई। इन दोनों के पड़ोसी इनको पति-पत्नी ही समझते थे।

Bhopal-Murder2Image Source:

पुलिस ने यह भी बताया कि “आकांक्षा को उसका पहला बॉयफ्रेंड भी फोन किया करता था, जिस कारण से उदयन बहेद परेशान रहने लगा था। 27 दिसंबर को इन दोनों के बीच बहस हुई और उदयन ने लड़की गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।”, देखा जाएं तो यह घटना इस प्रकार की है जिसमें दोनों पक्षों द्वारा असामाजिक और झूठ की बुनियाद पर अलग दुनिया खड़ी करने की कोशिश की गई थी, पर याद रखा जाना चाहिए की झूठ और अमर्यादित कर्म कभी सफलता नहीं दिलाते हैं।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments