460 सालों से जिन्दा है यह लाश!

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आपने देखा ही होगा कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके शरीर को ज्यादा समय तक न रख कर उसका अंतिम संस्कार सभी लोग अपनी संस्कृति और धर्म के अनुसार जल्दी ही कर देते हैं। असल में ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि मृत शरीर में सड़ने की प्रक्रिया शुरू न हो जाए और शरीर से बदबू न आने लगे। पुराने समय की कई सभ्यताओं में शव की ममी बना कर उनको संरक्षित कर दिया जाता था ताकि शव अधिक समय तक सही रह सके, पर क्या ऐसा संभव है कि बिना संरक्षित किया हुआ शव कई सौ सालों तक तरोताजा बना रह सके। देखा जाए तो विज्ञान के नजरिये से ऐसा संभव नहीं है, परन्तु धरती पर कुछ इस प्रकार की घटनाएं भी हुई हैं जिनका विज्ञान के पास कोई जवाब नहीं है। ऐसा ही कुछ ‘बेसिलिका ऑफ बोम जीसस’ (Basilica of Bom Jesus ) चर्च के बारे में आप कह सकते हैं।
यह चर्च भारत के ओल्ड गोवा में है। इस चर्च में संत फ्रांसिस जेवियर (St Francis Xavier) का शरीर रखा हुआ है और आप यह जानकर चौंक उठेंगे कि यह शरीर बिना किसी लेप और मसाले के यहां पर 460 साल से रखा हुआ है।

St Francis Xavier1Image Source:

कौन थे संत फ्रांसिस जेवियर –
संत फ्रांसिस जेवियर का जन्म फ्रांस के एक राजघराने में हुआ था। इनका असल नाम ‘फ्रांसिस्को द जेवियर था। कैथोलिक संप्रदाय के लोग इनका नाम बहुत आदर से लेते हैं। इन्होंने अपना राजपरिवार छोड़ कर कैथोलिक धर्म का प्रचार प्रसार करने का फैसला किया। एक अच्छे धर्म प्रचारक होने के नाते उनको लोग कुछ समय बाद “सेंट फ्रांसिस” कहने लगे। बाद में ये इसी नाम से प्रसिद्ध हो गए। वर्तमान का ओल्ड गोवा उस समय “पूर्व का वेनिस” कहलाता था और इस जगह से सेंट फ्रांसिस को बेहद लगाव था। इसलिए उन्होंने इस जगह को ही अपनी कर्म स्थली बनाया था।

Devotees  Procession  at St. Francis Xavier Church, Goa   during the celebration of Feast  on December 3, 2007.Image Source:

इस स्थान से सेंट फ्रांसिस ने कई देशों की यात्राएं की और धर्म का प्रचार किया। इस दौरान ही उनकी मृत्यु 3 दिसंबर 1552 को सांकियान द्वीप (चीन) में हो गई थी। वहां से इनके शरीर को कफन में लपेटकर मलक्का ले जाया गया। संस्कार के 4 महीने बाद एक शिष्य ने सेंट फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका ताबूत खोला तो वह अचंभित रह गया। उसने देखा की सेंट फ्रांसिस का शरीर बिलकुल तरोताजा है। उसमें कोई सड़न आदि के चिन्ह नहीं हैं।

St Francis Xavier3Image Source:

इसको एक दिव्य घटना मानकर उनके शरीर को उनकी कर्मस्थली गोवा में लाया गया और ‘बेसिलिका ऑव बोम जीसस’ के चैपल में चांदी की एक बड़ी मंजूषा में सेंट फ्रांसिस का शरीर सन् 1613 में रख दिया गया। वर्तमान समय में सेंट फ्रांसिस के इस शरीर को वेसिलिका हॉल में आम लोगों के दर्शन के लिए रख दिया जाता है, ताकि आम लोग भी उनके इस दिव्य शरीर को देख सकें।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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