अलादीन के जिन्न की तरह आपकी हर इच्छा पूरी करेगा यह एप

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बचपन के किस्सों-कहानियों में आप लोगों ने अलादीन के चिराग की कहानियां जरूर सुनी होंगी, जिसमें चिराग का जिन्न अपने मालिक की तीन इच्छाएं पूरी कर सकता था। आज हम आपको ऐसे ही एक एप्लीकेशन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो आपकी जरूरतों को अलादीन के चिराग की तरह फटाफट पूरी कर सकता है। जी हां, यह एक इंडियन सॉफ्टवेयर एप है जिसका नाम ‘निकी’ है।

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जानकारों की मानें तो यह देशी एप किसी भी विदेशी एप से ज्यादा तेज और क्रिएटिव है। देशी एप निकी को तैयार करने वालों का कहना है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से लैस यह पर्सनल असिस्टेंट ऐप्लिकेशन आपके लिए कैब या बस बुक कर सकता है। मोबाइल फोन रिचार्ज कर सकता है और आपके यूटिलिटी बिल के पेमेंट जैसे कई काम कर सकता है। इसके लिए आपको एक चैट एप्लिकेशन यूज करना होगा। निकी को चार इंजिनियरिंग ग्रैजुएट्स ने डेवेलप किया है। इसके अभी 1,700 यूजर हैं।

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निकी के मामले में फर्क यह है कि यह पूरी तरह ऑटोमेटेड है। निकी यूजर की कैटिगरी को समझ लेता है। इस टेक्नोलॉजी को नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग कहा जाता है। कुछ समय में निकी यूजर की आदतों को पहचानने लगता है। इस तकनीक को मशीन लर्निंग कहा जाता है। उदाहरण के लिए निकी पिछले ट्रांजैक्शंस को देखते हुए समझ लेता है कि एयरटेल प्रीपेड रिचार्ज के लिए रिक्वेस्ट दरअसल एयरटेल के लिए है या एयरसेल के लिए।

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निकी से छोटे शहरों तक लोगों के पास ई-कॉमर्स पहुंचेगा, जो संभवतः एप्स डाउनलोड करने में हिचकते हैं। पिछले सात महीनों से टेस्टिंग मोड में चल रहे निकी ने कैब बुकिंग के लिए ओला और ऊबर तथा मोबाइल रिचार्ज पेमेंट्स के लिए पेटीएम से हाथ मिलाया है। यह कंपनियों से कमीशन लेती है। इस प्रकार से अपना देशी एप निकी जहां दूसरे एप्स से ज्यादा फास्ट और क्रिएटिव है, वहीं आम लोगों तक ई-कॉमर्स को पहुंचाने में इसका काफी योगदान रहेगा।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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