आमतौर पर जब बच्चा पैदा होता है तब उसके घर के सभी लोग बहुत ज्यादा खुश होते हैं। ऐसे घर में लोग मिठाइयां बांटते हैं तथा उत्सव मनाते देखें जाते हैं, पर जब यह बच्चा किसी कारण से बीमार हो जाता है, तब सभी लोग परेशान हो जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही बच्चे के बारे में बता रहें हैं। आपको बता दें कि इस बच्ची का नाम शकीबा है। शकीबा की उम्र महज 2 ही वर्ष है, पर उसके जीवन का दर्द उसकी उम्र से ज्यादा बड़ा है। असल में इस बच्ची के हाथ की बांह जन्मजात विकृति से बड़ी हो गई है और इस बांह का वजन 3 किलो है जबकि दूसरी बांह बिल्कुल सामान्य है।
शकीबा को उसके शरीर की इस विकृति के कारण अब उसकी उम्र के बच्चे साथ नहीं बैठाते हैं। जिससे वह अकेली हो गई और काफी लोग शकीबा की इस विकृति के कारण ही अपने बच्चों को उसके पास जानें नहीं देते। देखा जाएं तो कुछ बच्चे जन्म के साथ ही अपने शरीर में कुछ विकृतियां लाते हैं। यदि जन्म के साथ ही इन चीजों का निराकरण हो जाए तो ये बच्चे स्वस्थ जीवन जीने लगते हैं, पर बच्चों के लिए इस प्रकार की सुविधाएं अभी दूर की कौड़ी नजर आती हैं।
शकीबा को भी इस प्रकार की सुविधा न मिलने के कारण आज यह बच्ची अपने जीवन को जीने में परेशानी का सामना कर रही है। आपको बता दें कि शकीबा की बांह की गांठे अब और ज्यादा बड़ी हो गई हैं, जिसके चलते अब उसकी बांह लगभग 3 किलो की हो गई है, इसलिए अब शकीबा का चलना फिरना भी दूभर हो चुका है। डॉक्टरों का कहना है कि इस बच्ची को “हीमनगीयोमिया” नामक बीमारी है और इसी के चलते उसके हाथों पर गांठे निकल आई हैं।
इसी बीमारी के कारण इस बच्ची पर भावनात्मक प्रहार हुआ और गांव के लोगों तथा बच्चों ने शकीबा से दूरी बना ली। गांव के लोगों को लगता है कि उनके बच्चों को भी इसी प्रकार की बीमारी हो सकती है, इसलिए वे शकीबा के पास अपने बच्चों को नहीं जानें देते हैं। शकीबा के पिता उसका अच्छा इलाज कारने में असक्षम हैं, ऐसे में अब इस बच्ची को सिर्फ ऊपर वाले का ही सहारा है।