देखा जाए तो अपने देश की सड़कों की हालत काफी खराब है और कुछ जगह तो ऐसी हैं जहां के लोगों को सड़क देखने तक को नहीं मिल पाई है और जहां सड़क की सुविधा है वहां पर सड़को की हालत कुछ ही दिन में खराब हो जाती है पर अब धीरे-धीरे इस तकनीक को आम लोगों के पास में लाया जा रहा है ताकि आम लोगों की कोई आम समस्या न रहें। भारत के एक प्रोफेसर नेमकुमार बंतिया ने एक ऐसी तकनीक निकली है जिसके बाद में सड़कों में कोई गड्ढा नहीं रह पाएगा क्योंकि सड़क में गड्ढा होने पर सड़कें खुद ही अपनी मरम्मत करेंगी। जी हां, अब ऐसा आइडिया ढूंढ लिया गया है, आइये जानते हैं इस बारे में।
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जानकारी के लिए सबसे पहले यह बता दें कि नेमकुमार आईआईटी दिल्ली में पढ़ें हुए हैं और वर्तमान में वे कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं, नेमकुमार सड़कों पर शोध कर रहें थे और काफी कुछ उन्होंने अपने शोध में पाया, अपनी खोजी इस तकनीक को उन्होंने भारत की सड़कों पर प्रयोग करके देखा है। कनाडा-इंडिया रिसर्च सेंटर ऑफ एक्सेलेंस ‘आईसी-इम्पैक्ट्स’ के सानिध्य में अब नेमकुमार भारत की सड़कों को सुधारने की कवायद शुरु कर चुके हैं, इसके लिए उन्होंने बैंगलुरु से 90 किमी की दूरी पर स्थित एक गांव के पास में अपने प्रोजेक्ट के जरिये एक सड़क का निर्माण कराया है और अपने कार्य में जुट गए हैं।
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असल में नेमकुमार की तकनीक यह है कि इन्होंने सड़को को बनाने में यूज होने वाली कंक्रीट के साथ में फाइबर को नैनो कटिंग को साथ में उपयोग किया है। जिसके कारण इन सड़कों की प्रकृति कुछ इस प्रकार की हो जाती है कि पानी से सड़को में होने वाले गड्ढे पानी को सोख कर खुद ही भर जाते हैं इस प्रकार से इन सड़को को मरम्मत की जरुरत नहीं पड़ती है। खैर,अच्छी खबर है कम से कम ड्राइवर लोगों को तो इन सड़कों से कुछ राहत जरूर मिलेगी।