भारत के पड़ोसी देश एक तरफ जहां तेजी से संपन्न हो रहे हैं, वहीं इनके कुछ इलाकों के लोगों को अभी भी गरीबी की मार भी झेलनी पड़ रही है। नेपाल के काठमांडू में एक गांव ऐसा है जहां के लोग मात्र एक ही किडनी के सहारे जी रहे हैं। इसकी वजह कोई बीमारी नहीं बल्कि मजबूरी है।
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पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र की आधी से ज्यादा आबादी एक ही किडनी के सहारे है। अब इस गांव को ‘किडनी वाले गांव’ के नाम से पहचाना जाने लगा है। यहां के लोगों को एक किडनी होने की कोई बीमारी नहीं है, बल्कि इनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। गांव के अधिकतर 18 से 20 वर्ष की आयु वाले युवकों के पास नौकरी और अन्य जरूरतों के लिए धन का अभाव है। जिसके कारण इन्हें अपनी किडनी ही बेचनी पड़ती है। इस तरीके को किडनी वाले गांव के लोग बड़ी तादाद में अपना चुके हैं। इसीलिए जब भी किसी को किडनी की जरूरत पड़ती है तो वह इस गांव के लोगों से संपर्क करता है और इस गांव के लोग दूसरों की जिंदगी को बचाने वाले फरिश्ते बन जाते हैं। वहीं, दूसरी ओर किडनी बेचने से प्राप्त पैसों से इस गांव के लोगों की भी जरूरतें पूरी हो जाती हैं, लेकिन इस देश की सरकार को अपने इस गांव के युवकों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने चाहिए। जिससे कि वह अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर सकें और उन्हें इस तरह से अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर ना होना पड़े।
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