सोमवार को माता वैष्णो देवी के दरबार में जाने वाले उन लोगों की यात्रा जीवन की अंतिम यात्रा बन गई जो हादसे का शिकार होने वाले हेलीकॉप्टर में बैठे थे। इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर में सवार महिला पायलट समेत सभी सात लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में चार लोग जम्मू के, दो दिल्ली के और एक पायलट केरला की थी। एक नवविवाहित जोड़ा भी इस हादसे का शिकार बना, जिनकी शादी हुए अभी 4 दिन ही हुए थे और अपनी नई दुनिया बसाने के लिए वह मां वैष्णो का आर्शीवाद लेने उनके दरबार में जा रहे थे।
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जम्मू के मनसा गांव निवासी भारतीय एयरफोर्स में अफसर रहे अर्जुन सिंह की शादी इसी महीने की 18 तारीख को हुई थी। उनकी दुल्हन बनी वंदना के हाथों की मेंहदी का रंग अभी फीका भी नहीं पड़ा था कि उनका यह नया जीवन हादसे का शिकार हो गया। सात फेरों का बंधन चार दिनों में ही टूट गया। वंदना के मां, बाप को इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस बेटी को उन्होंने अपने घर से विदा किया है वह हमेशा के लिए दुनिया से विदा हो चुकी है। दुर्घटना के बाद शव की हालत काफी जल जाने के कारण बेहद क्षत विक्षत हो चुकी थी, पर सगाई के दौरान पहनाई गई अंगूठी से उनके शव को पहचान लिया गया। दूसरी ओर वंदना की लाश भी पड़ी थी, जिसका हाथ अर्जुन सिंह के हाथ में था।
अभी तक इनकी बुआ के लड़के की लाश नहीं मिल पाई है, जिसकी तलाश जारी है।
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इस हादसे के बाद से अर्जुन और वंदना के घर में कोहराम मचा है। अभी तक जहां शादी वाले घर में ढोल नगाड़े बज रहे थे, परिवार के लोग खुशियां मना रहे थे वहां आज मातम पसरा है। हादसे के बाद किसी अंजान द्वारा किए गए एक फोन ने पूरे घर में कोहराम मचा दिया। पूरा घर निकल पड़ा अपने बच्चों की तलाश के लिए, लेकिन शव को पहचान पाना भी मुश्किल हो रहा था। अर्जुन और वंदना की मौत की खबर से मनसा गांव के लोग भी सदमे में हैं।