शाहजहां और मुमताज के प्यार से भरी इमारत पर एक बार फिर खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है। आगरा स्थित ताज महल का नजारा देखने में सिर्फ भारतीय ही शामिल नहीं हैं बल्कि सात समुंदर पार से भी लोग आते हैं। इस ताज महल के पीछे कई किस्से, कहानी और राज छिपे हैं, लेकिन अब इस प्यार की निशानी का रंग फीका पड़ता नजर आ रहा है। दरअसल बढ़ते प्रदूषण के कारण ताजमहल में लगे संगमरमर का रंग तो फीका पड़ ही रहा था, अब यहां मौजूद शाहजहां और मुमताज की कब्रों का रंग भी फीका पड़ता नजर आ रहा है।
बीते दिनों उर्स के मौके पर शाहजहां और मुमताज की असली कब्र खोलने पर पता चला कि उनकी कब्रों का रंग पीला पड़ चुका है। गौरतलब है कि शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों को साल में हर तीन महीने बाद खोला जाता है।
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आपको बता दें कि ताज महल में शाहजहां और मुमताज की दो कब्रें बनाई गई हैं। असली कब्रें तहखाने में हैं। कब्रों के इस पीले रंग को देखकर सभी हैरत में हैं। वहीं दूसरी तरफ एएसआई (आरकेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) चिंता में है। कब्रों को लेकर एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि “कब्रों का रंग पीला नहीं हुआ है, ये सिर्फ बढ़ते प्रदूषण का असर दिखाई दे रहा है। सफेद संगमरमर से बने ताज महल को चमकाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुमताज और शहंशाह की कब्रों के पीलेपन को साफ किया जाएगा। एक बार फिर प्यार की निशानी छोड़ जाने वालों की कब्रें साफ और चमकती हुई नजर आएंगी।”