महाराष्ट्र के सुनील ने इलाहाबाद में लिया पुनर्जन्म

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पुनर्जन्म को अधिकतर धर्मों में मान्यता नहीं दी गई है, पर फिर भी कुछ ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आ जाती हैं। जिनके बारे में जानकर लोगों को न चाहते हुए भी कुछ समय के लिए तो पुनर्जन्म पर भरोसा हो ही जाता है। आज हम आपको जिस घटना के बारे में बताने जा रहें हैं वह अपने आप में अनोखी है। हाल ही में सामने आई इस घटना से सभी लोग हैरान और चकित हैं। हालांकि पुनर्जन्म की बातों को सभी लोग नहीं मानते हैं लेकिन इस घटना ने ऐसे सभी लोगों के मुंह बंद कर दिए हैं। यह घटना है कार्तिकेय नामक एक बच्चे की जिसने अपने माता पिता समेत अन्य लोगों को भी पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानने पर मजबूर कर दिया है।

रीवा से सामने आई है यह घटना

रीवा से सामने आई है यह घटनाImage source:

आपको बता दें कि यह घटना रीवा स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम से उस समय सामने आई जब कार्तिकेय वहां पंहुचा। कार्तिकेय का बचपन से ही आध्यात्म की ओर झुकाव है। वह राजस्थान के उस स्थान को बहुत अधिक चाहता है जहां पिछले जन्म में एक घटना के दौरान उसकी मौत हो गई थी। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के जलगांव क्षेत्र के निवासी सुनील चौधरी राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम में ही रहा करते थे। वहां पर एक भवन निर्माण में हुई दुर्घटना के दौरान ही सुनील की मौत हो गई थी। इसके बाद में सुनील का जन्म इलाहाबाद के आना गांव में कार्तिकेय नामक बच्चे के रूप में हुआ। कार्तिकेय की मां नीलम का कहना है कि आज भी कभी कभी कार्तिकेय को अपने पूर्व जन्म की बातें याद आती हैं।

पिछले जन्म की मां को पहचाना  

पिछले जन्म की मां को पहचाना  Image source:

कार्तिकेय के वर्तमान पिता शिव प्रताप कहते हैं कि चार वर्ष पहले वह अपनी पूर्वजन्म की मां से मिला था और उसने तुरंत अपनी मां को पहचान लिया था। शिव प्रताप बताते हैं कि वह कार्तिकेय की जिद के कारण 2 बार माउंट आबू गए थे। वहां आश्रम में कार्तिकेय ने अपनी मां को पहचान लिया था तथा उनसे उनका हालचाल भी पूछा था। कार्तिकेय की बाते सुनकर उसकी पूर्वजन्म की मां की आंखों में आंसू आ गए थे और वे रोने लगी थी। कार्तिकेय बचपन से अपने माता-पिता को आयी-बाबा कहकर पुकारता है जबकि यह शब्द महाराष्ट्र में माता-पिता को पुकारने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। इस प्रकार से ये सभी तथ्य साबित करते हैं कि कार्तिकेय को अपने पूर्वजन्म की बाते याद है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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