बिजली आज हम सभी की बड़ी जरूरत है। ऐसे में देश के ही कुछ छात्रों ने हवा से बिजली निर्माण कर नई क्रांति को जन्म दिया है। यह खबर आई है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से। यहां के रूंगटा कॉलेज और शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के बनाए प्रोजेक्ट के आधार पर अब अलग-अलग कॉलेजों में अटल ट्रिंकिंग लैब विकसित की जाएगी। इस लैब में छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए उपकरण मुहैया कराए जाएंगे ताकि वे बिजली को बना सकें। इस प्रयोग की सबसे खास बात यह है कि इससे सौर ऊर्जा के मुकाबले कहीं ज्यादा सस्ती बिजली उपलब्ध हो पाएगी। बीते दिनों छात्रों ने उद्यमियों के साथ अनुभव बांटे। उद्यमियों ने भी छात्रों से कई सवाल किए और उनके जवाब जानें। इसके बैठक के बाद उद्यमियों ने इन छात्रों के आइडिया को सही ठहराया।
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रुंगटा कॉलेज के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीन छात्रों ने हवा से बिजली उत्पादन करने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इन छात्रों के नाम नीरज चौहान, चिरंजीवी भोजवानी तथा हिमांशु झा हैं। अपने इस प्रोजेक्ट में इन छात्रों ने पवन चक्की में लगने वाले टावर को हटा कर हीलियम का बैलून लगा दिया है। यह हीलियम बैलून 2 हजार किलों के ऑपरेटर को 2 हजार मीटर ऊपर की ओर ले जाता है और वहां की हवा में टरबाइन घूमने से बिजली उत्पादन होने लगती है। इस प्रोजेक्ट को बनाने वाले छात्रों का कहना है कि प्रोजेक्ट से एक वर्ष में 7 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकता है और यह सौर ऊर्जा से भी सस्ता है। इस प्रकार से हवा से बिजली बना कर इन छात्रों ने एक ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति को जन्म दिया है।